कश्मीर की हिंसा को राज्य की मेहबूबा सरकार के अलावा केंद्र की भाजपा सरकार की विफलता भी कहा जा रहा है। भारत प्रशासित कश्मीर में चल रहे घटनाक्रम पर कांग्रेस निराश है। कांग्रेस भाजपा को कश्मीर पर संवदेनशील होने के लिए कहेेगी। एनएसजी में चीन के असहयोग के बाद बैक फुट पर आई मोदी सरकार को इस मसले पर भी कांग्रेस के गुस्से का सामना करना पड़ सकता है। कांग्रेस के महासचिव आनंद शर्मा का कहना हैै कि पीएम मोदी ने भारत को एनएसजी की सदस्यता दिलाने के फेर में विदेश नीति को हलका कर दिया है। विदेश नीति के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर गंभीर होने के लिए केंद्र सरकार से कहा जाएगा। शर्मा ने कहा कि एनएसजी को लेकर जो स्वांग रचा गया था, उसको लेकर कांग्रेस, भाजपा सरकार की आलोचना ज़रूर करेगी। टेलीकॉम स्पेक्ट्रम की नीलामी को लेकर भी सरकार को घेरा जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि 11 विधेयक लोकसभा में और 43 राज्यसभा में पहले से पड़े हुए हैं। भाजपा सरकार के ऊपर ऐसे हमलों से बचते हुए इन विधेयकों को पारित करने की जिम्मेदारी है। इधर विपक्षी दल यह भी सवाल उठाा रहेे हैंं कि राज्यों के जिस को-ऑपरेटिव फेडरलिज्म (सहकारी संघवाद) की बात केंद्र की मोदी सरकार कह रही है, उसमें मामलों का निपटान मुश्किल है। देश में जो क्षेत्रीय दल हैं वो केंद्र सरकार के साथ किस प्रकार के रिश्ते रखेंगे? इस पर भी कोई स्पष्टता नहीं है। मीडिया के अनुसार संसद में इन सभी मसलों को आधार बनाते हुए भाजपा सरकार पर निशाना साधा जा सकता है। एजेंसी