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'गणतंत्र देश किसी भी शासक-तानाशाह की सनक को स्वीकार नहीं करेगा'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर परोक्ष रूप से प्रहार करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि भारत 26 जनवरी, 1950 को गणतंत्र बना जिसका मतलब है कि वह किसी भी शासक या तानाशाह की सनक को स्वीकार नहीं करेगा।
'गणतंत्र देश किसी भी शासक-तानाशाह की सनक को स्वीकार नहीं करेगा'

देशवासियों के नाम अपने गणतंत्र दिवस बधाई संदेश में कांग्रेस उपाध्यक्ष ने यह कहते हुए आरएसएस पर भी परोक्ष प्रहार किया कि देश ने संविधान को स्वीकार किया है जिसका मतलब है कि देश में किसी पर भी कोई विचारधारा नहीं थोपी जाएगी।

उन्होंने कहा, आज के दिन, जब हमने संविधान के तौर पर स्वतंत्रता संग्राम के सिद्धांतों और अपनी विरासत के महान मूल्यों को स्वीकार किया, तो इसका मतलब है कि किसी भी शासक की सनक या किसी तरह की तानाशाही नहीं चलेगी। विचार की इस स्वतंत्र दुनिया में देश में किसी पर कोई विचारधारा नहीं थोपी जाएगी।

राहुल ने कहा कि सबके पास स्वशासन का अधिकार है और सबसे कमजोर की आवाज भी पूरी एकाग्रता से सुनी जाएगी और इसका भाव यह है कि प्रत्येक व्यक्ति की आवाज की हिफाजत की जाएगी।

उन्होंने कहा, अगर भारत सफल हुआ है तो इसका श्रेय हर किसी को जाता है। प्रत्येक भारतीय की आवाज हमारी ताकत है और हमें यह कभी नहीं भूलना है। हमें अपनी विरासत के इस संदेश की हिफाजत करनी है और इसके सपनों को पूरा करने में मदद करनी है।

राहुल गांधी प्रधानमंत्री के आलोचक हैं और वह उन पर तानाशाह की तरह बर्ताव करने एवं लोगों की आवाज नहीं सुनने का आरोप लगाते हैं। वह देश में अपनी विचारधारा थोपने को लेकर आरएसएस पर हमला भी करते रहते हैं। भाषा

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