मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के फिर से महासचिव चुने जाने के बाद सीताराम येचुरी ने कहा, 'भाजपा को हराना हमारा पहला लक्ष्य होगा।’ कांग्रेस के साथ हमारा कोई राजनीतिक गठबंधन नहीं होगा लेकिन सांप्रदायिकता रोकने के लिए संसद के बाहर और भीतर इसके साथ हमारा तालमेल होगा।
कई हफ्ते की अनिश्चितता के बाद माकपा ने रविवार को अपनी 22वीं कांग्रेस में सीताराम येचुरी को एकमत से महासचिव चुन लिया। माकपा की नवनिर्वाचित 95 सदस्यीय केंद्रीय कमेटी ने महासचिव पद पर दूसरी बार 65 साल के येचुरी के निर्वाचन को मंजूरी दी। येचुरी ने 2015 में विशाखापत्तनम में हुई 21वीं पार्टी कांग्रेस में महासचिव पद पर प्रकाश करात की जगह ली थी।
महासचिव चुने जाने के बाद येचुरी ने कहा कि राज्यों की जमीनी हकीकत के आधार पर माकपा अपनी चुनावी रणनीतिक लाइन तय करेगी। उन्होंने कहा कि माकपा इस कांग्रेस से एकजुट पार्टी के रूप में उभरी है और वैकल्पिक नीतिगत रूपरेखा पेश करने का क्रांतिकारी काम करने के लिए यह प्रतिबद्ध है। सत्ताधारी भाजपा को मात देने के लिए पार्टी लोगों को जोड़कर संघर्ष मजबूत करेगी। येचुरी ने कहा, ‘यह अधिवेशन पार्टी एकता के लिए था। हम लोगों के संघर्ष को मजबूत करके आगे बढ़ेंगे।'