कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कोरोना महामारी, पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ तनाव को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस वर्किंग कमिटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा की अगुवाई वाली सरकार के कुप्रबंधन और उसकी गलत नीतियों के कारण चीन के साथ सीमा पर मौजूदा संकट है। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के कुप्रबंधन को मोदी सरकार की ‘सबसे विनाशकारी विफलताओं’ के तौर पर दर्ज किया जाएगा।
बता दें कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में मंगलवार को पार्टी के वर्किंग कमिटी की वर्चुअल बैठक हुई, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, राहुल गांधी व पार्टी के अन्य नेता भी शामिल हुए।
सभी संकटों के लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार- सोनिया
बैठक में पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि आज देश भयावह आर्थिक संकट और महामारी का सामना कर रहा है। इस बीच भारत-चीन सीमा पर हिंसक झड़प से देश संकट में है। सोनिया गांधी ने इन सभी संकटों के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि भाजपा के नेतृत्व में एनडीए सरकार का कुप्रबंधन और इसकी गलत नीतियां ही सभी संकट को पैदा कर रही हैं।
मनमोहन सिंह ने भी साधा निशाना
वहीं, बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि सीमा पर संकट से अगर दृढ़ता से नहीं निपटा गया, तो यह एक गंभीर स्थिति उत्पन्न कर सकता है। मनमोहन सिंह ने कहा कि कोरोना संकट से निपटने के लिए जिस साहस और प्रयास की आवश्यकता है, उससे महामारी का सामना नहीं किया जा रहा है। मैं सोनिया जी की टिप्पणी का भी समर्थन करता हूं।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर भी साधा निशाना
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर बताया कि सीडब्ल्यूसी की बैठक में सोनिया ने सरकार पर ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी पर भी निशाना साधा। सोनिया ने कहा कि जब दुनिया में कच्चे तेल की कीमतें घटी हैं तब सरकार लगातार 17वें दिन पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की है।
'पीएम के आश्वासन के बाद भी कोरोना महामारी का प्रकोप जारी'
सोनिया ने कोरोना महामारी को भी लेकर केंद्र सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के आश्वासन के बाद भी कोरोना महामारी का प्रकोप जारी है। केंद्र ने राज्य सरकारों के पाले में गेंद डाल दी है लेकिन राज्यों को कोई आर्थिक मदद नहीं दी। लोगों को अपनी सुरक्षा आप करने के लिए छोड़ दिया गया है। कोरोना महामारी में के दौरान मिस-मैनेंजमेंट को मोदी सरकार की सबसे बड़ी नाकामी के रूप में याद किया जाएगा।