उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि दुनिया में कहीं भी राष्ट्रीय राजधानी किसी और राज्य के अंतर्गत नहीं आती है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने पीटीआई-भाषा को इस बाबत एक उदाहरण बताते हुए कहा, वाशिंगटन का नियंत्रण सीधा संघीय सरकार के हाथों में है। यह मसला आंतरिक सुरक्षा से जुड़ा हुआ भी है।
सिंह ने कहा, यदि किसी एक पार्टी के मुख्यमंत्री और किसी और पार्टी की सरकार (केंद्र) के बीच हितों का टकराव होता है तो एेसे मेंं क्या होगा? उन्होंने पूर्ण राज्य का मतलब बताते हुए कहा कि, एेसे में पुलिस राज्य सरकार के अंतर्गत भी आ जाएगी। लेकिन अगर दिल्ली के मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री के खिलाफ फौजदारी मुकदमा दायर करते हैं तब क्या होगा? यह समझना चाहिए कि दिल्ली सरकार के पास पुलिस बल को छोड़कर बाकी सभी शक्तियां हैं। केंद्र द्वारा नियुक्त उपराज्यपाल नजीब जंग और दिल्ली सरकार के बीच नित नए विवादों के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, आप तुलना करेंगे तो देखेंगे कि शीला दीक्षित और अरविंद केजरीवाल दोनों के पास समान शक्तियां थी। लेकिन उन्होंने काम करके दिखाया।
आप सरकार ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग करते हुए एक विधेयक का मसौदा जारी किया था और पुलिस, भूमि, निगम तथा नौकरशाही को राज्य के नियंत्राण में देने की मांग की थी। इस बारे में जनता से सुझाव भी मांगे थे।