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'इंडिया' बनाम 'भारत' पर चर्चा तेज: विपक्ष बोला- अचानक ऐसा क्या हुआ जो नाम बदलना पड़ा?

देश का नाम 'इंडिया' की जगह 'भारत' करने को लेकर चल रहे विवाद के बीच, सत्ता पक्ष और विपक्षी गुटों के बीच बहस...
'इंडिया' बनाम 'भारत' पर चर्चा तेज: विपक्ष बोला- अचानक ऐसा क्या हुआ जो नाम बदलना पड़ा?

देश का नाम 'इंडिया' की जगह 'भारत' करने को लेकर चल रहे विवाद के बीच, सत्ता पक्ष और विपक्षी गुटों के बीच बहस का दौर छिड़ गया है। एक तरफ जहां, भाजपा के नेता इसे सही ठहरा रहे हैं तो वहीं, विपक्षी नेता मोदी सरकार पर सवाल खड़े कर रहे हैं।

दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा, "भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ऐसा इसलिए कर रही है क्योंकि विपक्षी गुट ने खुद को -INDIA नाम दिया है। मेरे पास इसके बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है, लेकिन प्रेस के माध्यम से पता चला। अगर कोई उनके नाम से पार्टी बनाएगा तो क्या वे देश का नाम बदल देंगे?"

"140 करोड़ लोगों का देश है। क्या होगा अगर INDIA ब्लॉक कल एक बैठक आयोजित करने के बाद इसका नाम बदलकर भारत करने का फैसला करता है? क्या वे तब भारत का नाम बदलकर बीजेपी कर देंगे? INDIA का गठन हो चुका है और बीजेपी को लग रहा है कि उन्हें 4 वोट और कैसे मिलेंगे। वे यह सब सिर्फ वोट के लिए कर रहे हैं। यह देश के साथ धोखा है।"

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, "आज तो उन्होंने(भाजपा) 'इंडिया' का नाम बदल दिया। राष्ट्रपति ने G20 शिखर सम्मेलन रात्रिभोज के लिए जो निमंत्रण भेजा है उसमें भारत लिखा है। अंग्रेजी में हम 'इंडिया' और 'इंडियन कॉन्स्टिट्यूशन' कहते हैं और हिंदी में भारत का संविधान कहते हैं। इसमें नया क्या है? लेकिन 'इंडिया' नाम तो दुनिया जानती है...अचानक ऐसा क्या हुआ कि उन्हें देश का नाम बदलना पड़ा?"

कांग्रेस संसद प्रमोद तिवारी ने कहा, "'इंडिया' शब्द से यह सहम गए हैं। क्या वे इस हद तक चले जाएंगे कि वे संविधान बदल देंगे? संविधान में लिखा है, 'इंडिया दैट इज़ भारत'... भाजपा के अंदर का डर मोदी जी का भय दिखाता है। इधर INDIA का गठन हुआ उधर भाजाप का बोरिया बिस्तर समेटना शुरू हुआ... आप 'इंडिया' शब्द को धरती से नहीं मिटा सकते। हमें अपने भारत और इंडिया पर गर्व है।"

इससे पहले, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी आधिकारिक G20 निमंत्रण पर भारत के बजाय भारत का उपयोग करने के राष्ट्रपति के कदम का स्वागत किया। उन्होंने कहा, " 'भारत' हमारा परिचय है। हमें इस पर गर्व है। राष्ट्रपति ने 'भारत' को प्राथमिकता दी है। यह औपनिवेशिक मानसिकता से बाहर आने वाला सबसे बड़ा बयान है।"

केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, "उन्हें(कांग्रेस) हर चीज़ पर आपत्ति है। उन्हें आपत्ति रहे, मैं इसपर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। मुझे नहीं पता कि उन्हें क्या ऐतराज है? मैं एक भारतवासी हूं, मेरे देश का नाम पहले भी भारत था, आज भी भारत है और आगे भी भारत रहेगा। इसमें कांग्रेस को क्या आपत्ति है वही बताएं और अगर आपत्ति है तो इसका इलाज वे ही ढूंढें।"

इससे पहले, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने X पर एक पोस्ट में कहा था, "तो ये खबर वाकई सच है। राष्ट्रपति भवन ने 9 सितंबर को जी20 रात्रिभोज के लिए सामान्य ' प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया ' के बजाय ' प्रेसिडेंट ऑफ भारत' के नाम पर निमंत्रण भेजा है।"

उन्होंने कहा, "अब, संविधान में अनुच्छेद 1 पढ़ा जा सकता है: "भारत, जो इंडिया था, राज्यों का एक संघ होगा। लेकिन अब इस "राज्य संघ" पर भी हमला हो रहा है।''


बता दें कि भारत की अध्यक्षता में जी20 शिखर सम्मेलन 9 से 10 सितंबर तक राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित किया जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन सहित दुनिया भर के कई राष्ट्राध्यक्ष इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं।

एक अन्य पोस्ट में जयराम रमेश ने कहा, ''मिस्टर मोदी इतिहास को विकृत करना जारी रख सकते हैं और भारत को विभाजित कर सकते हैं, जो भारत है, जो राज्यों का संघ है। लेकिन हम डरेंगे नहीं। आखिर INDIA की पार्टियों का उद्देश्य क्या है? यह भारत है-सद्भाव, मैत्री, मेल-मिलाप और विश्वास लाओ। जुड़ेगा BHARAT जीतेगा INDIA!”

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