कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार आरबीआई को तबाह करने की कोशिश के साथ ही भारतीय अर्थव्यवस्था के साथ खिलवाड़ कर रही है। सरकार ने आरबीआई के रिजर्व कोष से एक तिहाई राशि 3.6 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर करने की मांग की है, जो सीधे तौर पर ‘भारतीय बैंकों की सबसे बड़ी लूट’ है।
पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर और पार्टी नेता मनीष तिवारी ने प्रेस कांफ्रेस कर कहा है कि केंद्र सरकार सेक्शन-7 का इस्तेमाल कर आरबीआई को निर्देश क्यों देना चाहती है। सरकार आरबीआई के कैश रिजर्व को क्यों जबरन लेना चाहती है। आरबीआई के पास मौजूद साढ़े नौ लाख करोड़ में से केंद्र सरकार 3.6 लाख करोड़ लेना चाहती है। केंद्र सरकार चाहती है कि आरबीआई तुरंत यह पैसा उसके खाते में ट्रांसफर कर दे।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि अपने प्रतिभाशाली आर्थिक सिद्धांतों की गड़बड़ी ठीक करने के लिए आरबीआई से पीएम को 3.6 लाख करोड़ रुपये चाहिए। उर्जित पटेल आप सरकार के खिलाफ खड़े हो जाओ और देश को बचाओ। राहुल गांधी ने कहा कि सरकार के इस फैसले के खिलाफ वह आरबीआई के साथ खड़े हैं।
घाटा कम करना सरकार का मकसद
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि सरकार काफी समय से इस बात से इनकार कर रही है कि वह आरबीआई पर किसी तरह का अनुचित दबाव डाल रही है। आज इस बात का खुलासा हुआ कि सरकार दबाव क्यों डालना चाह रही है। सरकार आरबीआई से 3.6 लाख करोड़ लेना चाहती है और उसके जरिए अपनी आर्थिक गड़बड़ियों को ठीक करना चाहती है।
उन्होंने कहा कि सरकार रिजर्व बैंक के पैसे से राजस्व व चालू खाता घाटा कम करना चाहती है और लोकसभा से पहले लोक लुभावन काम करना चाहती है। इसके लिए वह देश की आर्थिक आजादी को ताक पर रख रही है। इससे अधिक गैर-जिम्मेदाराना काम और नहीं हो सकता है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि पिछले साढ़े चार सालों में मोदी सरकार ने संस्थाओं की स्वायत्तता से खिलवाड़ की परंपरा अपनाई हुई है, लेकिन कांग्रेस पार्टी इसे अंजाम तक नहीं पहुंचने देगी।