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टीवी डिबेट के चर्चित चेहरे रहें राजीव त्यागी, बूथ स्तर के कार्यकर्ता से लेकर कांग्रेस के 'बब्बर शेर' तक का सफर

कांग्रेस के मुखर प्रवक्ता राजीव त्यागी का बुधवार की शाम निधन हो गया। वो दिल की बिमारी से पीड़ित थे। शाम...
टीवी डिबेट के चर्चित चेहरे रहें राजीव त्यागी, बूथ स्तर के कार्यकर्ता से लेकर कांग्रेस के 'बब्बर शेर' तक का सफर

कांग्रेस के मुखर प्रवक्ता राजीव त्यागी का बुधवार की शाम निधन हो गया। वो दिल की बिमारी से पीड़ित थे। शाम में दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई। उनके निधन से कुछ समय पहले त्यागी ने बेंगलुरु में मंगलवार की रात को सांप्रदायिक हिंसा भड़कने को लेकर भाजपा प्रवक्ता सांबित पात्रा और अन्य पैनलिस्टों के साथ एक हिंदी न्यूज चैनल पर बहस में भाग लिया था। बहस शुरू होने के तुरंत बाद राजीव त्यागी गाजियाबाद के वैशाली इलाके में अपने निवास पर गिर गए जिसके बाद लगभग 6.30 बजे एक निजी अस्पताल में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने लगभग 45 मिनट तक उन्हें फिर से जीवित करने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे।

भाजपा के आक्रामक आलोचक के तौर पर 49 वर्षीय राजीव त्यागी ने पिछले 20 वर्षों में साधारण बूथ स्तर के कार्यकर्ता से बीते साल जनवरी में पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के तौर पर अपनी पहचान बनाई थी। वो 2005 का साल था जब राहुल गांधी के साथ देश भर के कांग्रेस पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं की एक कार्यशाला के दौरान मौका मिला था। जिसने त्यागी के राजनीतिक कैरियर को लगातार आगे बढ़ाया। राहुल गांधी उस समय युवा पार्टी कांग्रेस और एनएसयूआई, कांग्रेस पार्टी के फ्रंटल संगठनों, भारतीय युवा कांग्रेस और एनएसयूआई को पुनर्जीवित करने के विभिन्न तरीकों की कोशिश कर रहे थे, ताकि युवा पार्टी के कार्यकर्ताओं को संगठन में अधिक-से-अधिक स्थान दिया जा सके। 

पार्टी के प्रति त्यागी की प्रतिबद्धता और विभिन्न मुद्दों पर तल्ख तर्क देने की उनकी क्षमता से प्रभावित होकर, गांधी ने सुनिश्चित किया कि युवा पार्टी के नेता को उनका राजनीतिक अधिकार दिया जाए। 2005 से 2019 के बीच त्यागी ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस में महासचिव और प्रवक्ता के रूप में कार्य किया। इसलिए, इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि जब त्यागी के अचानक निधन की खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि पार्टी ने एक "बब्बर शेर" को खो दिया है। कांग्रेस इनके प्यार और संघर्ष हमेशा याद रहेगा।

इसके बाद अंतरिम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी राजीव त्यागी की पत्नी को व्यक्तिगत रूप से अपनी संवेदना व्यक्त करने के लिए बुलाया वहीं, पार्टी के कई नेता अपने दिवंगत साथी को नमन करने के लिए उनके घर गएं।

पिछले एक साल में राजीव त्यागी टीवी डिबेट के नियमित चेहरे थे। विशेष रूप से हिंदी न्यूज चैनलों पर, जो अक्सर पार्टी का बचाव करते थे। पिछले साल वो एक डिबेट शो  को लेकर काफी चर्चे में आ गए थे, जब उन्हें अपनी बात कहने की कोशिश करते हुए बार-बार रोका गया। जिसके बाद से त्यागी ने उस गर्म टीवी डिबेट में जाने से इनकार कर दिया था।  

बुधवार को भी जब त्यागी ने अपने अंतिम टीवी डिबेट कर रहे थे तो संबित पात्रा बार-बार मजाक उड़ा रहे थे, जबकि एंकर ने कांग्रेस के प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ भाजपा प्रवक्ता के व्यक्तिगत हमलों को रोकने को कह रहे थे। वो आग्रह कर रहे थे, "कृपया मुझे बोलने दें"। यह निश्चित रूप से पहली बार नहीं था जब पात्रा और त्यागी टीवी पर इस तरह से बहस कर रहे थे। 

पात्रा सहित सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने त्यागी के निधन पर शोक और संवेदनाएं व्यक्त की। राजद सांसद और प्रवक्ता मनोज झा ने अपना संदेश देते हुए कहा कि मीडिया, विशेष रूप से टीवी चैनल इस पर सोचेंगे।

मनोज झा ने ट्वीट करते हुए कहा, "मैं आप सभी से (टीवी समाचार चैनलों के मालिकों) से हाथ जोड़कर विनती करता हूं: इन विवादों को रोकें जो नफरत और असहिष्णुता को जन्म दे रहा हैं अन्यथा यह इस देश के अंत की ओर ले जाएगा... कोई भी नहीं बचेगा।"

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