दिल्ली में सोमवार को जारी कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक जारी है। इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की ओर से लिखी गई एक चिट्ठी को लेकर राहुल गांधी ने एक बयान दिया है, जिसे लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में नाराजगी देखी जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, यहां तक कि पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आज़ाद ने इस्तीफे की बात तक कर दी है। वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने भी नाराजगी जाहिर की। राहुल ने कई नेताओं पर बीजेपी से मिलीभगत का आरोप लगाया है।
दरअसल, सीडब्ल्यूसी बैठक में राहुल गांधी ने कुछ नेताओं द्वारा लिखे गए पत्र की आलोचना की और इसकी टाइमिंग पर सवाल उठाया। उन्होंने पार्टी में नेतृत्व के मुद्दे पर सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले नेताओं पर निशाना साधा और कहा कि जिस वक्त पत्र भेजा गया उस समय सोनिया गांधी बीमार थी। उन्होंने पत्र के समय पर सवाल उठाते हुए कहा कि 'जब कांग्रेस मध्य प्रदेश और राजस्थान के सियासी संकट का सामना कर रही थी, जब अध्यक्ष बीमार थी, तब ही चिट्ठी क्यों भेजी गई।' उन्होंने यह भी कहा कि चिट्ठी बीजेपी के साथ मिलीभगत में लिखी गई है।
राहुल की बात साबित होने पर दे दूंगा इस्तीफा: गुलाम नबी
पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने राहुल गांधी के इस बयान पर कहा कि यदि राहुल गांधी का भाजपा के साथ मिलीभगत वाला बयान साबित हो जाता है तो वे अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।
राहुल पर कपिल सिब्बल ने भी किया पलटवार
सूत्रों के अनुसार, बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि ऐसा (पार्टी नेतृत्व में सुधारों के लिए सोनिया गांधी को पत्र) भाजपा के साथ मिलीभगत की वजह से किया गया। इसपर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने जवाब देते हुए कहा, 'पिछले 30 सालों में हमने कभी भी किसी मुद्दे पर भाजपा के पक्ष में बयान नहीं दिया। इसके बावजूद हम भाजपा के मिलीभगत कर रहे हैं।'