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सिंधिया के गढ़ में प्रियंका गांधी ने भरी हुंकार, मणिपुर मामले पर प्रधानमंत्री मोदी को घेरा

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को ग्वालियर पहुंचकर एक रैली को...
सिंधिया के गढ़ में प्रियंका गांधी ने भरी हुंकार, मणिपुर मामले पर प्रधानमंत्री मोदी को घेरा

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को ग्वालियर पहुंचकर एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में परिवर्तन की जबरदस्त लहर है। उन्होंने इस दौरान मणिपुर मामले पर पीएम नरेंद्र मोदी को घेरने की कोशिश की और कहा कि पीएम का बयान 77 दिनों के बाद आया है।

वर्तमान में केंद्रीय मंत्री और पूर्व कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़, ग्वालियर में एक "जन आक्रोश रैली" को संबोधित करने से पहले प्रियंका गांधी वाड्रा ने महान स्वतंत्रता सेनानी रानी लक्ष्मीबाई के स्मारक पर पुष्पांजलि भी अर्पित की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा, "मणिपुर 2 महीनों से जल रहा है, घरों में आग लगाई जा रही है।"

उन्होंने कहा, "महिलाओं के साथ अत्याचार हो रहा है, बच्चों के सर पर छत नहीं रही और हमारे पीएम मोदी ने 77 दिन तक कोई बयान ही नहीं दिया। कल उन्हें मजबूरी में बोलना पड़ा क्योंकि एक भयावह वीडियो वायरल हुआ। उस बयान में भी उन्होंने राजनीति घोल दी...उन्होंने अपने बयान में विपक्ष के राज्य के नाम भी ले लिया।"

उन्होंने कहा, ''अभी कुछ दिन पहले विपक्षी नेताओं की बैठक हुई थी। पीएम ने कहा कि सभी विपक्षी नेता चोर हैं। बैठक में वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया जिनका अपने राज्यों में सम्मान है।'' इस बात पर अफसोस जताते हुए कि राजनीतिक शालीनता खत्म हो गई है, उन्होंने कहा कि आरोप-प्रत्यारोप आदर्श बन गए हैं। उन्होंने कहा, "परिणामस्वरूप, वास्तविक मुद्दे और चिंताएं पीछे धकेल दी जाती हैं।"

इसके अलावा उन्होंने पार्टी के सत्ता में आने पर मध्य प्रदेश के लोगों के लिए कांग्रेस द्वारा प्रस्तावित पांच गारंटी दोहराई। 40 दिनों में यह राज्य का उनका दूसरा दौरा है। इस दौरान प्रियंका गांधी ने कहा कि देश के सभी सौदों से दो उद्योगपतियों को लाभ हो रहा है। उन्होंने कहा, "उनमें से एक प्रतिदिन 1,600 करोड़ रुपये कमा रहा था, जबकि एक किसान को आजीविका चलाने के लिए 27 रुपये भी नहीं मिल पा रहे थे।"

प्रियंका गांधी ने बढ़ती महंगाई पर भी वार किया। इसके अलावा उन्होंने राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने पर पांच गारंटी का वादा भी किया, जिसमें पुरानी पेंशन योजना की बहाली, 500 रुपये में एक रसोई गैस सिलेंडर, 100 यूनिट मुफ्त बिजली, महिलाओं को प्रति माह 1500 रुपये की वित्तीय सहायता और किसानों के लिए ऋण माफी को फिर से शुरू करना शामिल है।

बता दें कि 12 जून को जबलपुर में रैली से प्रियंका गांधी ने एमपी में चुनाव प्रचार का बिगुल फूंका था। 2018 के राज्य चुनावों के बाद कांग्रेस ने मप्र में सरकार बनाई। हालांकि, सिंधिया के प्रति वफादार विधायकों ने कांग्रेस छोड़ दी और मार्च 2020 में भाजपा में शामिल हो गए, जिसके कारण 15 महीने में कमल नाथ के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई और चौहान के सत्ता में लौटने का मार्ग प्रशस्त हुआ। गौरतलब है कि सिंधिया राजवंश ने एक समय ग्वालियर की तत्कालीन रियासत पर शासन किया था।

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