प्रदेश के केन्द्रीय मंत्री से लेकर भाजपा के केन्द्रीय पदाधिकारियों के बेटों ने अपने पिता की विरासत संभालने के लिए कमर कस ली है। आलम यह है कि प्रदेश के करीब आधा दर्जन मंत्रियों के बेटों सहित कई नेताओं के लाल राजनीति के अखाड़े में जोर-आजमाइश के लिए दंड पेलने को तैयार है।
भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो ) ने मोर्चा समितियों (आयामों) एवं प्रदेश कार्यसमिति की घोषणा कर दी है। भाजयुमो द्वारा की गई इस घोषणा में कई नेता पुत्रों के राजतिलक की राजनीतिक बिसात बिछा दी गयी है। जिन नेता पुत्रो को जगह दी गई है वे है केंद्रीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे देवेंद्र प्रताप सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और रह्या सभा सांसद प्रभात झा के बेटे तुष्मुल झा, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय , प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे हर्षवर्धन सिंह और मध्य प्रदेश के जल संसाधन मंत्री नरोत्तम मिश्रा के बेटे सुकर्ण मिश्रा, प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव। हांलाकि अभिषेक ने पहले ही युवा मोर्चा की टीम में रहने में अनिच्छा जाहिर की थी, फिर भी उन्हें कार्यसमिति में रखा गया है।
सुनने में आ रहा है कि इनमें से ज्यादातर को युवा मोर्चा में जिला या प्रदेश स्तर की जिम्मेदारी दी जा सकती है। नेताओं के लालों को राजनीति के अखाड़े में उतारने की परंपरा भाजपा के लिए कोई नहीं बात नहीं है।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की समझाइश के बाद भी उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने टिकटों के वितरण में जिस तरह परिवारवाद और वंशवाद को प्राथमिकता दी है उससे मप्र के नेताओं को मानो खुली छूट मिल गयी है। और यही कारन है की मध्य प्रदेश में भी अब नेता पुत्रों के लिए बिसात बिछने लगी है।
इस संदर्भ में आउटलुक ने मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अभिलाष पांडे से कई बार संपर्क साधने की कोशिश की। साथ ही मध्य प्रदेश के भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो ) प्रदेश प्रभारी नकुल भरद्वाज ने टेलीफोन में कहा कि उन्हे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है।