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झारखंड: मारवाड़ी और बिहारी पर कांग्रेस नेता का भड़काऊ बयान, बुरे घिरे अध्यक्ष

मारवाड़ी और बिहारी को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष रामेश्‍वर उरांव की टिप्‍पणी उन्‍हीं को भारी...
झारखंड: मारवाड़ी और बिहारी पर कांग्रेस नेता का भड़काऊ बयान, बुरे घिरे अध्यक्ष

मारवाड़ी और बिहारी को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष रामेश्‍वर उरांव की टिप्‍पणी उन्‍हीं को भारी पड़ रही है। कांग्रेस की ही महगामा से विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने उन्‍हें आड़े हाथों लेते हुए कह दिया कि यह किसी व्‍यक्ति विशेष का विचार हो सकता है, कांग्रेस पार्टी का नहीं। इतना ही नहीं दीपिका ने इस संबंध में ट्वीट कर राहुल गांधी, प्रियंका, प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह को भी टैग किया है। दीपिका की इस टिप्‍पणी से लोग यह नहीं समझ पा रहे कि प्रदेश अध्‍यक्ष कमजोर पड़ रहे हैं या फिर दीपिका की साहस का कोई और राज है।

रामेश्‍वर उरांव ने क्‍या कहा

रामेश्‍वर उरांव का वक्‍तव्‍य स्‍थानीय अखबार में है जो एक कांफ्रेंस के हवाले से है। जिसमें उन्‍होंने कहा है कि रांची में बिहार के लोग भर गये हैं। यहां मारवाड़ी बस गये हैं। इस कारण आदिवासी कमजोर हुए हैं, उनका शोषण हो रहा है। कभी रांची में आदिवासियों का निवास था। कई इलाकों के नाम उन्‍हीं के द्वारा दिये गये। वे इलाके और नाम तो हैं पर वहां आदिवासी नहीं हैं। दीपिका ने अपने ट्वीट में उस अखबार के कतरन को भी लगाया है। लिखा है कि ये किसी एक व्‍यक्ति विशेष की सोच हो सकती है। भारतीय राष्‍ट्रीय कांग्रेस की नहीं। भारतीय इतिहास की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस आज भी जोड़ने में विश्‍वास रखती है, तोड़ने में नहीं। सनद रहे जब भारत एक है तो इसके हर राज्‍य हर जिले, हर धर्म जाति के लोग भी एक हैं।

मैंने जो कहा सच कहा

दीपिका की टिप्‍पणी पर आउटलुक से बातचीत में रामेश्‍वर उरांव ने कहा कि मैंने कहा जो सच है। यही मैने पढ़ा था स्‍कूलों में। देश में मणिपुर का इंफाल और बिहार में रांची जिला है जहां आदिवासी निवास करते हैं। आज रांची शहर का चरित्र बदल गया है। इंफाल सुरक्षित है। सीएनटी कानून के बावजूद कैसे दूसरे लोगों ने आदिवासियों की जमीन खरीद ली। 1970-71 में जब मैं आता था करमटोली में सिर्फ आदिवासी थे, आज नहीं दिखते। नामकोम मुंडारी भाषा का शब्‍द है जिसका मतलब है मैने देखा। आज वहां एक भी मुंडा नहीं मिलेंगे। राजनीतिक में हूं इसका मतलब यह नहीं है कि सच नहीं बोलूं। मैने गैर आदिवासियों को भगाने जैसी कोई बात तो नहीं की। कौन क्‍या बोलता है मुझे इससे फर्क नहीं पड़ता।

 

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