ठेकेदार संतोष पाटिल के मामले में भारी दबाव का सामना कर रहे कर्नाटक में बीजेपी नेता व मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को अपना इस्तीफा सौंप दिया। उनके खिलाफ पुलिस ने ठेकेदार संतोष पाटिल को कथित तौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है। वहीं ईश्वरप्पा के समर्थकों में काफी रोष भी देखा जा रहा है जिसको लेकर उन्होंने सीएम हाउस के बाहर प्रदर्शन भी शुरू कर दिया है।
एक राजनीतिक हंगामे के बीच, ईश्वरप्पा ने गुरुवार शाम को मंत्री के रूप में अपने इस्तीफे की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास के पास जमा हुए ईश्वरप्पा के समर्थकों ने उनसे इस्तीफा नहीं देने और कांग्रेस नेताओं के खिलाफ नारेबाजी की।
अपने इस्तीफे से पहले के एस ईश्वरप्पा ने शुक्रवार को अपने समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वह एक साजिश के तहत अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों से बेगुनाह साबित होकर निकलेंगे और निश्चित रूप से दोबारा मंत्री बनेंगे।
संतोष पाटिल सोमवार को उडुपी में मृत मिले थे। इससे कुछ देर पहले ही उन्होंने अपने एक दोस्त को मैसेज भेजा था, जिसमें उन्होंने अपनी मौत के मंत्री ईश्वरप्पा को जिम्मेदार ठहराया था। बताया जा रहा है कि मौत से कुछ दिन पहले संतोष पाटिल ने पीएम नरेंद्र मोदी को भी चिट्ठी लिखी थी, जिसमें ... उन्होंने आरोप लगाया था कि ईश्वरप्पा उनसे काम के बदले 40 फीसदी कमीशन मांग रहे हैं। वहीं, ग्रामीण विकास मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने आत्महत्या में किसी भी तरह से अपनी भूमिका होने से इनकार किया है। उन्होंने कहा है कि उन्होंने खुद संतोष के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था।
पाटिल ने पिछले महीने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह और भाजपा के केंद्रीय नेताओं से शिकायत की थी कि उन्हें हिंडालगा गांव में किए गए सड़क कार्यों के लिए अभी तक 4 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया गया है और ईश्वरप्पा के सहयोगियों पर 40 प्रतिशत कमीशन की मांग करने का आरोप लगाया था।