Advertisement

भड़काऊ भाषण मामले में कठेरिया को राजनाथ की क्लीन चिट

केंद्रीय मंत्री रामशंकर कठेरिया के पिछले दिनों आगरा में एक सभा के दौरान दिए गए द्वेषपूर्ण और भड़काउ भाषण को लेकर विपक्ष द्वारा कड़ी आपत्ति जताने और उन्हें गिरफ्तार कर मंत्रिमंडल से बाहर करने की मांग किए जाने के बीच केन्द्र ने आज इन सारे आरोपों को नकार दिया। सरकार ने कहा कि कठेरिया के भाषण में किसी संप्रदाय के खिलाफ कोई आपत्तिजनक बात नहीं पाई गई।
भड़काऊ भाषण मामले में कठेरिया को राजनाथ की क्लीन चिट

राज्यसभा में केंद्रीय मंत्रियों और निर्वाचन प्रतिनिधियों द्वारा कथित रूप से भड़काऊ भाषण दिए जाने के मुद्दे पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस अवसर पर की गई सीडी रिकॉर्डिग को न केवल उन्होंने बल्कि गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने देखा। इसमें पाया गया कि उन्होंने किसी भी संप्रदाय के खिलाफ कुछ नहीं कहा है और न ही किसी संप्रदाय के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया है। सिंह ने कहा, प्रो. रामशंकर कठेरिया के भाषण में किसी संप्रदाय विशेष के खिलाफ कोई आपत्तिजनक विषयवस्तु नोटिस नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि इस मामले में आगरा पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है। उन्होंने बताया कि मामले से संबंधित सभा में कठेरिया मंच पर मौजूद थे लेकिन पुलिस ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं की है।

 

गृहमंत्री ने कहा कि आगरा में एक दलित नेता अरुण माहौर की हत्या के बाद 28 फरवरी को हुई उनकी शोकसभा में भाग लेने के लिए कठेरिया वहां गए थे। कठेरिया ने माहौर के परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट की थीं। उन्होंने शोक सभा में इस हत्या के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने का अनुरोध और दिवंगत के परिवार को न्याय एवं पर्याप्त मुआवजा दिलाने की मांग की थी। गृह मंत्री ने कहा कि इस बारे में मीडिया में आई खबरें तोड़-मरोड़ कर गलत ढंग से पेश की गई प्रतीत होती हैं।

 

इससे पूर्व सरकार से स्पष्टीकरण मांगते हुए विपक्षी दलों के सदस्यों ने कई केंद्रीय मंत्रियों, सत्तारूढ़ दल के सांसदों और विधायकों द्वारा भड़काऊ भाषण देकर देश के सांप्रदायिक माहौल को बिगाड़ने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार जानबूझ कर ऐसे लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है और मूकदर्शक बनी हुई है। विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने इस देश की स्वतंत्रता के लिए कई नेताओं द्वारा अपने प्राणों का बलिदान देने की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि जहां एक ओर सरकार मेक इन इंडिया तथा सबका साथ सबका विकास की बात कर रही है वहीं सत्तारूढ़ दल के कुछ नेता, मंत्री और सांसद भड़काऊ भाषण देकर देश का सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने का काम कर रहे हैं। इस संदर्भ में उन्होंने केंद्रीय पर्यटन मंत्री, संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, हरियाणा के मुख्यमंत्री तथा भाजपा सांसदों योगी आदित्यनाथ एवं साक्षी महाराज के विभिन्न बयानों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि कर्नाटक के भाजपा के सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने एक संवाददाता सम्मेलन में इस्लाम धर्म के बारे में विवादास्पद बयान दिया।

 

हालांकि नकवी ने उनकी इस बात का विरोध करते हुए कहा कि मीडिया में उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। आजाद ने सरकार से जानना चाहा कि जो लोग देश को बांटने का काम कर रहे हैं उनके खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मामला क्यों नहीं चलाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार की दोहरी नीति है तथा सरकार देश को बांटने का काम कर रही है। भाकपा के डी राजा ने कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि ऐसे कौन लोग हैं जो समाज के दलितों, पिछड़ों, गरीबों और अल्पसंख्यकों को निशना बना रहे हैं। उन्होंने भाजपा नेतृत्व से सवाल किया कि क्या वह अपने मंत्रियों और सांसदों को घृणापूर्ण भाषण देने की अनुमति दे सकती है। उन्होंने कहा कि भाजपा राष्ट्रभक्ति की बात करती है लेकिन भारत माता धर्म और संप्रदाय के नाम पर किसी से भेदभाव नहीं करती। सपा के जावेद अली खान ने कहा कि आगरा पुलिस ने मामले में नामजद पांचों लोगों को अगले दिन ही गिरफ्तार कर लिया था। साथ ही राज्य सरकार ने मदद के लिए पांच लाख रुपये मुआवजे की भी घोषणा की है।

 

 

Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad