कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को बेरोजगारी के आंकड़ों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर आलोचना की। राहुल ने कहा कि देश के लोगों को हर साल दो करोड़ नौकरियां देने के अपने वादे को मोदी सरकार पूरा नहीं कर पाई। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने साल 2014 में वादा किया था कि वह सत्ता में आने के बाद हर साल दो करोड़ युवाओं को नौकरियां देंगे, लेकिन वह अपने वादे को पूरा नहीं कर पाए।
‘अब यह समय पीएम मोदी के सत्ता से बाहर होने का है’
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि नौकरियों पर लीक हुई एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 45 सालों में इस समय सबसे ज्यादा बेरोजगार हैं। आज देश में बेरोजगारी का आंकड़ा 45 साल में सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि सिर्फ 2017-18 में ही 6.5 करोड़ युवा बेरोजगार थे। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि अब यह समय 'Time for NoMo2Go' यानी पीएम मोदी के सत्ता से बाहर होने का है। बता दें कि राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में The Fuhrer शब्द का प्रयोग किया है। जर्मनी में इस शब्द का मतलब 'लीडर' होता है। नाजी आर्मी इसका इस्तेमाल हिटलर के लिए करती थी।
'अब इस सरकार ने आंकड़ों की हत्या भी शुरू कर दी'
वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने भी सरकार पर ‘आंकड़ों की हत्या’ करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ राज्यों पर भाजपा सरकारों पर निर्दोष लोगों की मुठभेड़ में हत्या कराने के कथित आरोप लगे हैं और अब इस सरकार (केन्द्र सरकार) ने आंकड़ों की हत्या भी शुरु कर दी है।’
सिब्बल ने कहा कि पिछले 45 सालों में देश में बेरोजगारी दर अपने शीर्ष पर है। उन्होंने कहा कि एक तरफ मोदी सरकार रोजगार एवं अन्य क्षेत्रों से जुड़े आंकड़े सार्वजनिक नहीं करना चाहती है वहीं राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में सरकार के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन की बात कही। इसे दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति बताते हुए सिब्बल ने कहा, ‘लोग उम्मीद कर रहे हैं कि उन्हें भविष्य में रोजगार मिलेगा।’
सिब्बल ने कहा कि विज्ञापन और अन्य माध्यमों में सरकार की उपलब्धियों के दावों की जमीनी हकीकत बिल्कुल भिन्न है। वास्तविकता यह है कि जमीन पर रोजगार से लेकर सभी क्षेत्रों में कोई काम नहीं दिख रहा है। सिब्बल ने आर्थिक मोर्चे पर सरकार की नाकामी का जिक्र करते हुए कहा कि इस समय देश में निजी निवेश का स्तर नगण्य हो गया है। शेयर बाजार का भी बुरा हाल है। ऐसे में एक बार फिर यह स्पष्ट हो गया है कि अमीरों की यह सरकार अमीरों के लिए काम कर रही है।
इसीलिये डेटा छिपा रही थी मोदी सरकार: सुरजेवाला
इससे पहले पार्टी प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी मोदी सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने गुरुवार को एनएसएसओ के आंकड़े पर आधारित एक खबर साझा करते हुए ट्वीट किया कि मोदी जी, बेरोजगारी दर 45 साल में सबसे ज्यादा! इसीलिये आप डेटा छिपा रहे थे। इसीलिये सांख्यिकी आयोग में इस्तीफे हुए। अपने ट्वीट में उन्होंने ये भी कहा कि वादा था हर साल 2 करोड़ नौकरियों का, पर आपकी सरकार ने तो नौकरियां खत्म करने का रिकॉर्ड बना दिया। सुरजेवाला ने कहा कि देश को नहीं चाहिए, युवाओं के भविष्य से खेलने वाली ऐसी भाजपा सरकार।
रणदीप सुरजेवाला ने अपने ट्वीट के साथ जो खबर शेयर की है उसमें दिए गए एनएसएसओ के आंकड़ों के मुताबिक 2017-18 में बेरोजगारी की दर 6.1 फीसदी रही जो पिछले 45 वर्षों के दौरान उच्चतम स्तर है।
जानें क्या है रिपोर्ट में
देश में बेरोजगारी दर 45 साल में सबसे ज्यादा 6.1% के स्तर पर पहुंच गई। अंग्रेजी अखबार बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट्स के मुताबिक, नेशनल सैम्पल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ) के साल 2017-18 के सर्वे में ये आंकड़े सामने आए हैं। हालांकि, सरकार ने अभी इसे आधिकारिक रूप से जारी नहीं किया है। बेरोजगारी के आंकड़ों पर विवाद के चलते राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (एनएससी) के कार्यकारी चेयरमैन और सदस्य ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया था। उनका आरोप है कि आयोग से मंजूरी मिलने के बाद भी सरकार ने सर्वे अटका रखा है।
सर्वे के मुताबिक, 2017-18 में बेरोजगारी दर ग्रामीण क्षेत्रों में 5.3% और शहरी क्षेत्र में सबसे ज्यादा 7.8% रही। इनमें नौजवान बेरोजगार सबसे ज्यादा थे, जिनकी संख्या 13% से 27% थी। 2011-12 में बेरोजगारी दर 2.2% थी। जबकि 1972-73 में यह सबसे ज्यादा थी। बीते सालों में कामगारों की जरूरत कम होने से ज्यादा लोग काम से हटाए गए।
नोटबंदी के बाद रोजगार से जुड़ा पहला सर्वे
मोदी सरकार ने नवंबर 2016 में नोटबंदी का ऐतिहासिक फैसला लिया था। तब कांग्रेस समेत विपक्ष पार्टियों ने इससे रोजगार खत्म होने का दावा किया था। नोटबंदी के बाद देश में बेरोजगारी को लेकर एनएसएसओ का यह पहला सर्वे सामने आया है।
पीएम मोदी पर निशाना साधने से पीछे नहीं हट रहे हैं राहुल गांधी
राहुल गांधी भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी पीएम मोदी पर लगातार निशाना साध रहे हैं। राफेल मुद्दे पर राहुल गांधी लगातार नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना कर रहे हैं। एनडीए सरकार की कई योजनाओं पर राहुल गांधी सवाल भी उठा चुके हैं। अभी हाल में ही एक रैली में कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा थाकि प्रधानमंत्री का 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान और कुछ नहीं, बल्कि उनको बचाने का एक विज्ञापन अभियान है।