केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि मोदी सरकार तब तक चैन से नहीं बैठेगी जब तक सभी नक्सली या तो आत्मसमर्पण नहीं कर देते, या पकड़े नहीं जाते या उनका सफाया नहीं कर दिया जाता। छत्तीसगढ़ के कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर 'ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट' को सफलतापूर्वक अंजाम देने वाले सीआरपीएफ, छत्तीसगढ़ पुलिस, जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और कोबरा के जवानों को बधाई देते हुए शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार भारत को नक्सल मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा, मोदी सरकार तब तक चैन से नहीं बैठेगी जब तक सभी नक्सली या तो आत्मसमर्पण नहीं कर देते, या पकड़े नहीं जाते या उनका सफाया नहीं कर देते। शाह ने कहा कि ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट के दौरान जवानों द्वारा दिखाई गई बहादुरी और पराक्रम को नक्सल विरोधी अभियानों के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में याद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गर्मी, ऊंचाई और हर कदम पर आईईडी के खतरे के बावजूद, सुरक्षा बलों ने ऊंचे मनोबल के साथ अभियान चलाया और एक प्रमुख नक्सल बेस कैंप को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया।
उन्होंने कहा कि कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर स्थापित नक्सलियों के सामग्री भंडार और सप्लाई चेन को छत्तीसगढ़ पुलिस, सीआरपीएफ, डीआरजी और कोबरा के जवानों ने बहादुरी से नष्ट कर दिया। गृह मंत्री ने कहा कि नक्सलियों ने देश के कुछ सबसे कम विकसित क्षेत्रों को भारी नुकसान पहुंचाया है, स्कूलों, अस्पतालों को बाधित किया है और सरकारी कल्याणकारी योजनाओं में बाधा डाली है।
उन्होंने कहा कि निरंतर नक्सल विरोधी अभियानों के कारण, पशुपतिनाथ से तिरुपति तक फैले इस क्षेत्र के 6.5 करोड़ लोगों के जीवन में एक नया सूर्योदय हुआ है। शाह ने यह भी कहा कि मोदी सरकार नक्सल विरोधी अभियानों के दौरान गंभीर रूप से घायल हुए सुरक्षाकर्मियों की सहायता के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है और यह सुनिश्चित कर रही है कि उनका जीवन आसान हो। उन्होंने कहा कि सरकार 31 मार्च, 2026 तक देश से नक्सलवाद को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा भी उपस्थित थे।