कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को नरेंद्र मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि देश ‘संकट' में है क्योंकि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ‘अपनी काल्पनिक दुनिया में जी रहे हैं' और उनका बाहरी दुनिया से कोई संपर्क नहीं रह गया है।
उत्तरी केरल में अपने लोकसभा क्षेत्र वायनाड की तीन दिवसीय यात्रा शुरू करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद ‘संकट' में हैं क्योंकि उन्होंने जो ‘काल्पनिक दुनिया' बनाई थी वह बिखर रही है। देश में कोई आर्थिक संकट नहीं होने के केंद्र के दावे पर गांधी प्रतिक्रिया दे रहे थे।
‘मोदी-शाह का बाहरी दुनिया से कोई संपर्क नहीं’
इस दौरान कांग्रेस नेता ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘अमित शाह और नरेंद्र मोदी अपनी ही कल्पनाओं में जीते हैं। उनका बाहरी दुनिया से कोई संपर्क नहीं है। वह अपनी ही दुनिया में रहते हैं और कल्पनाएं करते रहते हैं। इसलिए देश इस तरह के संकट में है।' उन्होंने कहा कि अगर नरेंद्र मोदी देश के लोगों की सुनते तो कोई परेशानी होती ही नहीं।
‘लोगों का ध्यान सच्चाई से भटकाना मोदी के शासन का तरीका’
कांग्रेस नेता ने कहा कि लोगों का ध्यान सचाई से भटकाना मोदी के शासन का तरीका है। उन्होंने कहा कि चूंकि मोदी खुद काल्पनिक दुनिया में जीते हैं इसलिए चाहते हैं कि भारत भी एक काल्पनिक दुनिया में रहे।
अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर क्या बोले चिदंबरम
वहीं, कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर असामान्य रूप से मौन हैं और उन्होंने अपने मंत्रियों को ‘लोगों को बेवकूफ बनाने तथा शेखी बघारने' के लिए छोड़ दिया है। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार का मानना है कि इस वित्त वर्ष के सात माह बाद भी अर्थव्यवस्था के सामने आ रही समस्याएं चक्रीय हैं। चिदंबरम 106 दिन जेल में रहे और उन्हें बुधवार को जमानत पर रिहा किया गया।
‘लोगों को बेवकूफ बनाने तथा शेखी बघारने' में लगे हैं- चिदंबरम
उन्होंने कहा, ‘सरकार को अर्थव्यवस्था की कोई खबर नहीं है। वह नोटबंदी, त्रुटिपूर्ण जीएसटी, कर आतंकवाद जैसी भयानक गलतियों का बचाव करने पर अड़ी हुई है।' चिदंबरम ने कहा, ‘प्रधानमंत्री अर्थव्यवस्था पर असामान्य रूप से मौन हैं। उन्होंने इसे अपने मंत्रियों पर छोड़ दिया है जो ‘लोगों को बेवकूफ बनाने तथा शेखी बघारने' में लगे हैं। अर्थव्यवस्था को सुस्ती से बाहर निकाला जा सकता है लेकिन यह सरकार ऐसा करने में अक्षम है।'