वर्ष 2025 में 30 जून तक विनियामक और भू-राजनीतिक मुद्दों के कारण 5,706 उड़ानें रद्द की गईं, जो इसी अवधि के दौरान कुल प्रस्थानों का लगभग 1 प्रतिशत है।
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल द्वारा सोमवार को राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में उपलब्ध कराए गए आंकड़ों में एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस, इंडिगो, अकासा एयर, स्पाइसजेट और एलायंस एयर की उड़ानें शामिल हैं।
इस वर्ष 30 जून तक नियामक और भू-राजनीतिक मुद्दों के कारण कुल 5,706 उड़ानें रद्द हुईं। आंकड़ों के अनुसार, इस दौरान उड़ानों के प्रस्थान की संख्या 5,72,079 रही।
मोहोल ने कहा कि देरी और रद्दीकरण के कारण एयरलाइनों को अतिरिक्त ईंधन, चालक दल का ओवरटाइम, रखरखाव, हवाई अड्डा शुल्क और पुनः बुकिंग व्यय सहित लागत उठानी पड़ती है।
उन्होंने कहा, "इसके अलावा, एयरलाइनों को रद्दीकरण या महत्वपूर्ण देरी के लिए यात्रियों को रिफंड या मुआवजा प्रदान करना आवश्यक है। जनवरी-जून 2025 के दौरान घरेलू एयरलाइनों द्वारा ले जाए गए यात्रियों में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 7.34 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।"
एक अलग लिखित उत्तर में मंत्री ने कहा कि एयर इंडिया ने जुलाई 2023 से 24 अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर उड़ानें शुरू की हैं और उनमें से 4 मार्गों को वाणिज्यिक कारणों से निलंबित कर दिया गया है।
उन्होंने कहा, "एयर इंडिया की गोवा-लंदन (गैटविक) सेवा, जिसे अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया था, शीतकालीन कार्यक्रम 2025 में फिर से शुरू होने वाली है।"