पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर तीन मूर्ति कॉम्प्लेक्स स्थित नेहरू मेमोरियल में किए जा रहे बदलाव पर आपत्ति जताई है। मनमोहन सिंह ने लिखा है कि एक एजेंडा के तहत नेहरू मेमोरियल म्यूजियम लाइब्रेरी (एनएमएमएल) में बदलाव की कोशिश की जा रही है। उन्होंने लिखा है कि नेहरू सिर्फ कांग्रेस के नहीं बल्कि पूरे देश के हैं, इस नाते मेमोरियल से छेड़छाड़ न की जाए।
मनमोहन सिंह ने पिछले हफ्ते भेजे पत्र में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का भी जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है कि वाजपेयी के प्रधानमंत्री के रूप में छह वर्ष के कार्यकाल के दौरान, एनएमएमएल और तीन मूर्ति परिसर की प्रकृति और चरित्र को बदलने का कोई प्रयास नहीं किया गया था लेकिन अफसोस की बात है कि अब यह भारत सरकार के एजेंडे का हिस्सा है।
अटल के भाषण का किया जिक्र
पीएम मोदी को लिखे पत्र में मनमोहन सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के संसद में दिए गए एक भाषण का जिक्र करते हुए लिखा है, 'इस तरह के निवासी फिर कभी तीन मूर्ति की शोभा नहीं बढ़ा सकते हैं। वह जीवंत व्यक्तित्व, विपक्ष को भी साथ लेने का दृष्टिकोण, सज्जनता और वह महानता निकट भविष्य में फिर से नहीं देख सकते हैं। विचारों के अंतर के बावजूद हमारे पास उनके महान आदर्शों, उनकी ईमानदारी, देश के लिए उनके प्यार और उनके अतुलनीय साहस के प्रति सम्मान है।'
योगदान को नहीं कर सकते समाप्त
पूर्व पीएम ने लिखा कि एनएमएमएल भारत के पहले प्रधानमंत्री की स्मृति को समर्पित है, जिन्होंने हमारे देश और वास्तव में दुनिया पर एक अविश्वसनीय छाप छोड़ी। उनकी विशिष्टता और महानता को उनके राजनीतिक विरोधियों ने भी स्वीकार किया है।
पूर्व पीएम ने लिखा है कि एनएमएमएल का स्तर बना रहना चाहिए। म्यूजियम को जवाहरलाल नेहरू और स्वतंत्रता आंदोलन पर अपना प्राथमिक ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि साल 1920 के दशक और साल 1940 के दशक के मध्य में लगभग दस साल वे जेल में रहे और अपनी अहम भूमिका अदा की। कोई भी संशोधन उस भूमिका और उनके योगदान को समाप्त नहीं कर सकता।