Advertisement

मोदी का 'अच्‍छे दिन' का नारा गडकरी की नजर में गले की हड्डी

2014 के लोकसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी का नारा था अच्छे दिन। केंद्र में सरकार बने महज एक साल ही हुआ था कि भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह ने इसे एक जुमला बता दिया था। अब मोदी सरकार के सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने 'अच्छे दिन' के नारे को सरकार के गले में फंसी हड्डी बता दिया।
मोदी का 'अच्‍छे दिन' का नारा गडकरी की नजर में गले की हड्डी

गडकरी ने कहा कि भारत असंतुष्ट आत्माओं का महासागर है। यहां हर किसी को हर समय कुछ बेहतर चाहिए। इसलिए उसे अच्‍छे दिन महसूस नहीं होते। गडकरी ने कहा कि 'अच्छे दिन' का राग पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का दिया हुआ है।

इंडस्‍ट्री से संबंधित एक कार्यक्रम में गडकरी से पूछा गया था कि अच्छे दिन कब आएंगे? जवाब में गडकरी बोले, अच्छे दिन कभी नहीं आते। अच्‍छे दिन का मशहूर नारा दरअसल पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दिया था, लेकिन यह नारा अब मोदी सरकार की गर्दन का ‘बोझ’ बन गया है।

उन्‍होंने कहा ‘अच्छे दिन मानने से होता है। दिल्ली में एक एनआरआई समारोह में मनमोहन सिंह ने कहा था कि अच्छे दिन आएंगे’। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘जब पूछा गया कि अच्छे दिन कब आएंगे, तो मनमोहन सिंह ने जवाब दिया था ‘भविष्य में’। मोदी जी ने यही बात कही और अब यह हमारी गर्दन का बोझ बन गया है’। मोदी ने पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान अपनी लगभग हर रैली में ‘अच्छे दिन’ के नारे लगाए थे।

पूर्व सांसद विजय दर्डा के एक सवाल के जवाब में गडकरी ने कहा, ‘हमने केवल अच्छे दिन शब्दों का इस्तेमाल किया और इसे शाब्दिक अर्थ में नहीं लिया जाना चाहिए। इसका मतलब यह होना चाहिए कि प्रगति हो रही है’। गडकरी ने कहा, ‘अगर किसी व्यक्ति के पास साइकिल है तो वह मोटरसाइकिल चाहेगा, फिर जब वह मोटरसाइकिल खरीद लेता है तो अगला लक्ष्य कार होती है। इसलिए किसी को कभी यह महसूस नहीं होता कि अच्छे दिन आ गए'।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad