गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद भाजपा राज्य में सरकार बचाने के प्रयास में लगी है। गोवा भाजपा अध्यक्ष विनय तेंदुलकर के मुताबिक, दोपहर 2 बजे तक सभी सहयोगी दलों से चर्चा के बाद मुख्यमंत्री के नाम का फैसला हो जाएगा। 3 बजे के बाद शपथग्रहण होगा। दूसरी तरफ गोवा में विपक्ष के नेता चंद्रकांत कवलेकर ने बताया कि उनके 14 विधायक सरकार बनाने के दावे के साथ राज्यपाल से मुलाकात किए।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी गोवा में डटे हुए हैं। वो लगातार विधायकों से बैठकें कर रहे हैं। एमजीपी के तीन विधायकों से गडकरी की मीटिंग हुई है। बताया जा रहा है कि एमजीपी हाईकमान में चर्चा के बाद दोपहर करीब 3 बजे पूरी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
इससे पहले गोवा में रविवार रात भाजपा और उसके सहयोगी दलों की बैठक बुलाई गई थी। हालांकि इसमें मुख्यमंत्री के नाम पर कोई फैसला नहीं हो पाया। समाचार केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी इस बैठक में शामिल होने के लिए देर रात पणजी पहुंचे। बैठक में गोवा फॉरवर्ड पार्टी के प्रमुख विजय सरदेसाई सहित उनके तीन विधायकों और एमजीपी के तीन विधायकों ने राज्य परिवहन मंत्री सुदीन धवलीकर के नेतृत्व में हिस्सा लिया। बैठक में प्रदेश बीजपी के संगठन महासचिव सतीश धोंड, निर्दलीय विधायक और राज्य के राजस्व मंत्री रोहन खौंते तथा कला एवं संस्कृति मंत्री गोविंद गावडे भी मौजूद थे।
सुदिन धावालिकर चाहते हैं मुख्यमंत्री बनना
बैठक के बाद गोवा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर और बीजेपी विधायक माइकल लोबो ने बताया कि महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी के नेता सुदिन धावालिकर मुख्यमंत्री बनना चाहते है, उन्होंने कहा है कि वह बीजेपी को समर्थन देने के लिए कई बार बलिदान कर चुके है, उन्होंने अपनी मांग रख दी है, लेकिन बीजेपी इस पर सहमत नहीं है।
वहीं गोवा फॉरवर्ड पार्टी के प्रमुख विजय सरदेसाई ने अपनी पार्टी के विधायक विनोद पल्येकर, जयेश सलगांवकर और दो निर्दलीय विधायक रोहन खाउंटे और गोविंद गौउडे भी नितिन गडकरी के साथ हुई बैठक में पहुंचे थे। विजय सरदेसाई ने कहा कि हमने बीजेपी को नहीं मनोहर पर्रिकर को समर्थन दिया था। अब वो नहीं हैं सभी विकल्प खुले हैं। हम गोवा में राजनीतिक संकट नहीं चाहते। हम बीजेपी के फैसले का इंतज़ार करेंगे और उसके बाद कोई कदम उठाएंगे।
बीजेपी क्या चाहती है?
बीजेपी अपनी पार्टी से ही किसी नेता को नए सीएम दावेदार के रूप में पेश करना चाहती है, मगर एक प्रमुख सहयोगी दल के विधायक ने खुद की दावेदारी ठोककर बीजेपी को मुश्किल में डाल दिया है। बीजेपी विधायक मिशेल लोबो ने कहा कि महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के विधायक सुदिन धावालिकर मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। लोबो ने कहा कि सुदीन धवलीकर खुद को सीएम के रूप में देखना चाहते हैं, जबकि भाजपा चाहती है कि गठबंधन का नेता उनके दल से हो। हम मीटिंग में किसी निर्णय पर नहीं पहुंच सके। बताया जा रहा है कि बीजेपी की तरफ से गोवा विधानसभा के स्पीकर प्रमोद सावंत राज्य के नए मुख्यमंत्री हो सकते हैं।
कांग्रेस ने फिर पेश किया सरकार बनाने का दावा
मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद कांग्रेस ने एक बार फिर राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया है। 48 घंटे में दूसरी बार सरकार बनाने का दावा पेश करते हुए कांग्रेस ने कहा कि उनके पास बहुमत है। कांग्रेस ने इससे पहले मनोहर पर्रिकर की ज्यादा तबीयत खराब होने पर शनिवार को राज्यपाल के पास सरकार बनाने का दावा पेश किया था। हालांकि, कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा था कि राज्यपाल मृदुला सिन्हा 'भाजपा कार्यकर्ता' की तरह काम कर रही हैं। साथ ही कहा था कि राज्यपाल ने उनके पत्र का न कोई जवाब दिया और न ही मिलने का समय दिया। कांग्रेस ने कहा था कि भाजपा के विधायकों की संख्या कम हो गई है और कांग्रेस राज्य में सबसे बड़ी पार्टी है।
किसे मिलेगा सरकार बनाने का मौका
राज्य विधायी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "मुख्यमंत्री पर्रिकर के निधन के बाद सत्तारूढ़ गठबंधन को अपना नेता चुनने के बाद राज्यपाल के समक्ष दावा पेश करना होगा। इसमें समर्थन का पत्र भी होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यदि राज्यपाल (मृदुला सिन्हा) आश्वस्त नहीं होती हैं तो उन्हें सरकार बनाने के लिए अकेली सबसे बड़ी पार्टी को आमंत्रित करना होगा।’’
गोवा का राजनीतिक समीकरण
गोवा में एक गठबंधन सरकार है, जिसमें बीजेपी, गोवा फॉरवर्ड पार्टी, एमजीपी और निर्दलीय विधायक शामिल हैं। पर्रिकर के निधन के बाद कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दल बैठकें मौजूदा हालात पर मंथन में जुट गए हैं। कांग्रेस वर्तमान में 14 विधायकों के साथ राज्य में सबसे बड़ी पार्टी है जबकि 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में बीजपी के पास 12 विधायक हैं। गोवा फॉरवर्ड पार्टी, एमजीपी और निर्दलीयों के तीन..तीन विधायक हैं जबकि एनसीपी का एक विधायक है। इस साल के शुरु में बीजपी विधायक फ्रांसिस डिसूजा और रविवार को पर्रिकर के निधन तथा पिछले साल कांग्रेस के दो विधायकों सुभाष शिरोडकर और दयानंद सोपटे के इस्तीफे के कारण सदन में विधायकों की संख्या 36 रह गई है।