राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत के सुर अख्तियार करने वाले उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को उनके पद से हटा दिया। सभी पदों से हटाए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में उनके शामिल होने की अटकलें तेज हो गईं। हालांकि उन्होंने इससे साफ इनकार किया है। सचिन पायलट ने पार्टी के सभी पदों से हटाए जाने के बाद बुधवार को न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा कि वे भाजपा में शामिल नहीं हो रहे। उन्होंने यह भी कहा कि राजस्थान में कांग्रेस को वापस लाने के लिए उन्होंने बहुत मेहनत की है।
बता दें कि इससे पहले कांग्रेस ने मंगलवार को कार्रवाई करते हुए पायलट को उप-मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से हटा दिया, लेकिन पार्टी से बाहर नहीं किया गया। यानी पार्टी छोड़ने होने की औपचारिकता खुद उन्हें करनी है। इस दौरान पायलट के दो समर्थक मंत्रियों विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को भी मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया।
सभी पदों से हटाए जाने के बाद पायलट कही थी ये बात
सभी पदों से हटाए जाने के बाद मंगलवार को सचिन पायलट ने कांग्रेस पार्टी और अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया था। उन्होंने ट्वीट में लिखा, सत्य को परेशान किया जा सकता है पराजित नहीं।इसके तुरंत बाद पायलट समर्थक मुकेश भाकर ने ट्वीट करते हुए कहा, मैं तो चुनाव जीतकर यूथ कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बना हूँ। अशोक गहलोत कौन होते है मुझे हटाने वाले। अशोक गहलोत और उनके मंत्री- विधायक तो पहले ही एक किसान-फौजी के बेटे को हराने में लगे हुए थे।
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पायलट ने किया था ये दावा
सचिन पायलट ने पिछले दो दिनों में अपने साथ कुल 30 विधायक होने का दावा किया है। हालांकि, उनके समर्थकों द्वारा जारी एक वीडियो में 16 विधायक नजर आए हैं। अगर 30 विधायक भी सरकार से अलग होते हैं तो भी गहलोत सरकार पर कोई तात्कालिक खतरा नहीं है, क्योंकि 200 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस के अकेले 107 सदस्य हैं और उसका दावा निर्दलीयों समेत 18 अन्य विधायकों के समर्थन का है। भाजपा के 72 विधायक हैं और उसके साथ तीन विधायकों का एक अन्य समूह है।