अखिलेश ने योगी सरकार को कोसते हुए ईवीएम पर भी निशाना साधा है। कहा कि यह जनता को धोखा देकर बनी सरकार है। अखिलेश यादव ने ईवीएम में गड़बड़ी की बात कहते हुए आने वाले समय पर बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की है।
अखिलेश ने कहा कि झूठ के खिलाफ गठबंधन को तैयार हैं। गठबंधन में पूरी भूमिका निभाएंगे।' मायावती पहले ही भाजपा को हराने के लिए विरोधी दलों को एकजुट होने की बात कह चुकी हैं।
नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव काफी पहले से ही महागठबंधन को अमलीजामा पहनाने की कोशिश में हैं। अब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी इस सोच को बुलंद करने में विपक्षी एकता के पैरोकारों में शामिल हो गए हैं।
अखिलेश यादव ने जोर देते हुए कहा है कि भाजपा को हराने के लिए पूरे देश में विभिन्न दलों का महागठबंधन बनाया जाना चाहिए। अखिलेश ने इसमें सपा की मुख्य भूमिका से भी इनकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि सपा इसमें अवश्य सार्थक भूमिका निभाएगी। अखिलेश ने इसी सिलसिले में गत सोमवार को दिल्ली में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी मुलाकात की।
यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और सपा गठबंधन करके चुनाव लड़े थे लेकिन बसपा और राष्ट्रीय लोकदल अलग चुनाव लड़े थे। जनता दल यू के अध्यक्ष व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन बनाने का सुझाव दिया था लेकिन इसे किसी दल ने गंभीरता से नहीं लिया। लिहाजा, जद यू ने यूपी विधानसभा चुनाव में अपना प्रत्याशी नहीं उतारा। चुनाव में सपा, कांग्रेस, बसपा, रालोद, सभी की गत बुरी हुई। भाजपा को तीन चौथाई बहुमत हासिल हुआ।
नीतीश का सुझाव विपक्षी दलों को अब याद आ रहा है। अब 2019 के लोकसभा चुनाव में एकजुट होकर जाने की तैयारी है। इसके लिए महागठबंधन बनाने की कवायद चल रही है। इसमें सभी प्रमुख गैर भाजपा दलों को शामिल करने की योजना है।