24 साल बाद सपा नेता मुलायम सिंह यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती उत्तर प्रदेश के मैनपुरी की रैली में एक मंच पर नजर आए। रैली में मायावती ने मुलायम के लिए वोट मांगे। जब मुलायम ने बसपा सुप्रीमो की जमकर तारीफ की तो मायावती मुस्कुरा रही थीं। मायावती ने गेस्टाउस कांड का जिक्र तो किया लेकिन यह भी कहा कि बड़े लक्ष्य को हासिल करने के लिए पुरानी बातें भूलनी होती हैं तो मुलायम भी संसद में महिलाओं के लिए किए गए काम गिनाते नजर आए।
महागठबंधन की इस रैली के जरिये विरोधियों को यह संदेश देने की कोशिश की गई कि सभी दल भाजपा के खिलाफ एकजुट हैं। साल 1993 में गठबंधन कर सरकार बनाने वाली सपा और बसपा के बीच जून 1995 को लखनऊ में हुए गेस्ट हाउस काण्ड के बाद जबर्दस्त खाई पैदा हो गयी थी। हालांकि लोकसभा चुनाव से पहले सपा से हाथ मिलाने के बाद मायावती स्पष्ट कर चुकी हैं कि दोनों पार्टियों ने भाजपा को हराने के लिए आपसी गिले-शिकवे भुला दिये हैं।
38-38 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं सपा-बसपा
यूपी की आजमगढ़ से लोकसभा सांसद मुलायम सिंह यादव इस बार मैनपुरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उनके नामांकन के दौरान भी बसपा के नेता मौजूद रहे।
यूपी में लोकसभा चुनाव से पहले गठबंधन किया है। इस समझौते के तहत 38-38 सीटों पर सपा और बसपा चुनाव लड़ रही हैं और तीन सीटें रालोद के लिए छोड़ी गई थी। गठबंधन ने अमेठी और रायबरेली में अपने उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है।
क्या था गेस्ट हाउस कांड
बात जनू, 1995 की है। बसपा प्रमुख मायावती, विधायकों के साथ लखनऊ के मीराबाई गेस्ट हाउस में थीं। अचानक समाजवादी पार्टी समर्थक गेस्ट हाउस में घुस आए। समर्थकों ने मायावती से अभद्रता की, अपशब्द कहे। खुद को बचाने के लिए मायावती कमरे में बंद हो गईं। बाद सुरक्षाकर्मियों ने उनकी जान बचाई। तब से बसपा और सपा में खाई बनी हुई थी लेकिन पिछले दिनों हुए गठबंधन के बाद यह खाई खत्म हो गई।