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मानसून सत्र: विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव पर तत्काल चर्चा की मांग की, राज्यसभा दिन भर और लोकसभा 31 जुलाई तक के लिए स्थगित

मणिपुर की स्थिति से संबंधित विपक्षी सदस्यों की मांगों को लेकर शुक्रवार को राज्यसभा को पूरे दिन के लिए...
मानसून सत्र: विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव पर तत्काल चर्चा की मांग की, राज्यसभा दिन भर और लोकसभा 31 जुलाई तक के लिए स्थगित

मणिपुर की स्थिति से संबंधित विपक्षी सदस्यों की मांगों को लेकर शुक्रवार को राज्यसभा को पूरे दिन के लिए और लोकसभा को 31 जुलाई तक स्थगित कर दिया गया। लोकसभा में विपक्षी सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव पर तुरंत चर्चा की मांग की, जिसे स्पीकर ओम बिरला ने स्वीकार कर लिया है।

दिन भर की कार्यवाही शुरू होने के बाद अध्यक्ष ने प्रश्नकाल शुरू किया लेकिन विपक्षी सदस्यों ने अपनी मांग के समर्थन में नारे लगाए। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने 1978 का उदाहरण देते हुए कहा कि सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर उसी दिन बहस हुई, जिस दिन इसे स्वीकार किया गया था।

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार अध्यक्ष द्वारा तय किए गए दिन और समय पर बहस के लिए तैयार है और नियम 10 दिन का समय प्रदान करते हैं। स्पीकर ओम बिरला ने बुधवार को विपक्षी सदस्यों द्वारा समर्थित अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था।

विपक्षी सदस्यों द्वारा मणिपुर से संबंधित मांगें उठाने के बाद राज्यसभा को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया। विपक्षी दल मणिपुर की स्थिति पर विस्तृत चर्चा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग को लेकर सदन में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सदन ने सेवानिवृत्त हो रहे विनय दीनू तेनुलकर के योगदान को भी याद किया।

वहीं, दिल्ली से जुड़े अध्यादेश की जगह लेने वाले विधेयक को लेकर केंद्रीय विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने शुक्रवार को बताया कि दिल्ली में समूह-ए के अधिकारियों के स्थानांतरण और पदस्थापना के लिए एक प्राधिकार के गठन के लिहाज से लाये गये अध्यादेश की जगह लेने वाले विधेयक को अगले सप्ताह लोकसभा में लाया जाएगा। मेघवाल ने आगामी सप्ताह में सदन में होने वाले कामकाज की जानकारी देते हुए इसका उल्लेख किया।

 

जब निचले सदन में ‘राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक’ को पेश किया जाएगा तो विवादास्पद अध्यादेश के विरोध में वैधानिक प्रस्ताव लाने के लिए विपक्ष के कई नेताओं के नोटिस पर भी विचार किया जाएगा। लोकसभा सचिवालय ने कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, पार्टी सदस्य डीन कुरियाकोस, तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय, द्रमुक के ए राजा और आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन समेत अनेक विपक्षी नेताओं के नोटिस स्वीकार कर लिये हैं।

 

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को ‘राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक’ को मंजूरी दी थी। यह 19 मई को केंद्र द्वारा लाये गये अध्यादेश की जगह लेने के लिए पेश किया जाएगा।

 

बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी ने अध्यादेश का कड़ा विरोध किया है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल भी इस अध्यादेश के विरुद्ध हैं।

 

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