बिहार चुनाव में मिली सफलता से उत्साहित असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने पश्चिम बंगाल के चुनाव में उतरने का ऐलान तो कर ही दिया है। वहीं अब उत्तर प्रदेश के राजनीतिक मैदान में भी पार्टी की एंट्री हो गई है। सूबे में विधासनसभा चुनाव में भले ही अभी लम्बा वक्त बाकी है मगर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओम प्रकाश राजभर और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की सियासी गलबहियां खासतौर पर पूर्वांचल में असर डालने के लिए तैयार है। लिहाजा ओवैसी के आने से प्रदेश की सियासत में सरगर्मियां बढ़ गई है।
ओवैसी और ओम प्रकाश ने मंगलवार को पूर्वांचल का दौरा शुरू किया है। वे आजमगढ़, जौनपुर और वाराणसी गए। इस दौरे के बाद बीजेपी से लेकर समाजवादी पार्टी तक में इसका असर देखने को मिल रहा है। अपने हालिया आजमगढ़ दौरे पर उन्होंने समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव पर निशाना साधा। ओवैसी ने कहा कि अखिलेश ने मुख्यमंत्री रहते हुए 12 बार उन्हें यूपी आने से रोका। ओवैसी ने कहा, “अखिलेश यादव की सरकार के दौरान मेरे आने की अनुमति को 28 बार नामंजूर कर दिया गया, जबकि 12 बार तो यूपी में आने ही नहीं दिया गया। अब इजाजत मिलने के बाद मैं यहां आया हूं।” गौरतलब है कि आजमगढ़ अखिलेश यादव का विधानसभा क्षेत्र है।
वहीं भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने कहा कि ओवैसी ने बिहार में भाजपा की मदद की थी। बंगाल और यूपी विधानसभा चुनाव में भी वे मदद करेंगे। हालांकि साक्षी का बयान सामने आने के बाद सपा ने हमला किया है। सपा प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा कि साक्षी के बयान से भाजपा और ओवैसी के रिश्तों से पर्दा हट गया है।
साक्षी महाराज ने कहा, 'यह ईश्वर की कृपा है। भगवान उन्हेंऔर भी शक्ति दें। उन्होंने बिहार में हमारी मदद की और उत्तर प्रदेश के साथ ही पश्चिम बंगाल में भी करेंगे।'
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी ने चुनाव लड़ा और 5 सीटों पर जीत दर्ज की। विपक्षी दलों ने उनपर भाजपा की बी-टीम होने का आरोप लगाया था। दरअसल, ओवैसी के दल ने बड़ी संख्या में मुस्लिम वोटबैंक में सेंधमारी की थी। मुस्लिम बहुल सीमांचल इलाके में उनकी पार्टी को 5 सीटों पर जीत भी मिली। राष्ट्रीय लोकदल, कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने ओवैसी पर मुस्लिम वोट बैंक को काटकर बीजेपी को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया था। वहीं अब यूपी में ओवैसी ने राजभर की पार्टी के साथ गठबंधन में लड़ने क संकेत दिया है। दोनों नेताओं ने मुस्लिम बहुल आजमगढ़ पर फोकस करते हुए पूर्वांचल के इलाके का दौरा कर अपनी नई पॉलिटिकल कैमेस्ट्री को औपचारिक रूप दिया है।