कांग्रेस ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर संसद में सुरक्षा चूक मामले पर बहस से भागने का आरोप लगाया और कहा कि इसका कारण यह है कि सदन में कूदने वाले युवकों को प्रवेश की सुविधा देने में मैसूर के भाजपा सांसद की भूमिका पर सवाल उठाए जाएंगे।
पीएम मोदी ने कहा है कि संसद में सुरक्षा चूक की गंभीरता को कम करके नहीं आंका जा सकता है। प्रधानमंत्री की इस टिप्पणी के बाद विपक्षी दल कांग्रेस ने हमला बोला है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने आखिरकार 13 दिसंबर को लोकसभा में हुई असाधारण घटना पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। उनका (प्रधानमंत्री) कहना है कि बहस की नहीं बल्कि जांच की जरूरत है और मामले की जांच चल रही है।’’
रमेश ने कहा, ‘‘इंडिया गठबंधन के सभी दल गृह मंत्री के बयान की मांग कर रहे हैं और इसके लिए दबाव डालना जारी रखेंगे कि 13 दिसंबर को क्या हुआ, और वास्तव में यह कैसे हुआ।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘प्रधानमंत्री बहुत साधारण वजह से बहस से भाग रहे हैं क्योंकि 13 दिसंबर को लोकसभा में (दो युवकों के) प्रवेश को सुविधाजनक बनाने में मैसूर के भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा की भूमिका पर सवाल उठाए जाएंगे।’’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि संसद की सुरक्षा में सेंध काफी गंभीर मामला है और विपक्ष को इस मामले को लेकर विवाद नहीं खड़ा करना चाहिए।
मोदी ने हिंदी समाचार पत्र ‘दैनिक जागरण’ के साथ साक्षात्कार के दौरान कहा कि जांच एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं और कड़े कदम उठा रही हैं। उन्होंने कहा कि इस हमले में शामिल लोगों और उनके मकसद की गहराई तक पहुंचना भी उतना ही जरूरी है।
समाचार पत्र के अनुसार, मोदी ने सुरक्षा में सेंध की इस घटना को ‘‘पीड़ादायक और चिंताजनक’’ बताया। उन्होंने कहा, ‘‘सभी को एक साथ समाधान खोजने का प्रयास करना चाहिए। ऐसे मुद्दे पर वाद-विवाद या प्रतिरोध से सभी को बचना चाहिए।’’