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राष्ट्रपति ट्रंप के साथ प्रधानमंत्री मोदी की 'दोस्ती' खोखली साबित हो रही है: कांग्रेस

कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप...
राष्ट्रपति ट्रंप के साथ प्रधानमंत्री मोदी की 'दोस्ती' खोखली साबित हो रही है: कांग्रेस

कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ ‘‘बहुप्रचारित दोस्ती’’ अब ‘‘खोखली’’ साबित हो रही है और इसके लिए उन्होंने ट्रंप द्वारा हाल ही में पाकिस्तान के प्रति किये गए कई प्रयासों का हवाला दिया।

कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में यह भी आरोप लगाया कि अमेरिका द्वारा पाकिस्तान के साथ साझेदारी करने के कारण भारतीय कूटनीति विफल हो रही है।

उन्होंने अपने पोस्ट में कहा, "भारतीय कूटनीति की घोर विफलता, खासकर पिछले दो महीनों में, चार तथ्यों से सबसे ज़्यादा स्पष्ट रूप से उजागर होती है। ये तथ्य प्रधानमंत्री और उनके ढिंढोरा पीटने वालों और जयजयकार करने वालों द्वारा किए गए बड़े-बड़े दावों की पोल खोलते हैं।"

रमेश ने कहा कि 10 मई 2025 से अब तक ट्रम्प ने 25 बार दावा किया है कि "उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को रोकने के लिए व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप किया था, तथा भारत और पाकिस्तान को धमकी दी थी कि यदि उन्होंने युद्ध को नहीं रोका तो वे अमेरिका के साथ व्यापार समझौता नहीं करेंगे।"

उन्होंने दावा किया कि 10 जून 2025 को अमेरिकी सेंट्रल कमांड के प्रमुख जनरल माइकल कुरिल्ला ने आतंकवाद का मुकाबला करने में पाकिस्तान को अमेरिका का एक अभूतपूर्व साझेदार बताया था।

रमेश ने बताया कि 18 जून 2025 को ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर के साथ अभूतपूर्व लंच मीटिंग की थी।

उन्होंने कहा, "दो महीने पहले, मुनीर की भड़काऊ, आग लगाने वाली और सांप्रदायिक रूप से उत्तेजक टिप्पणियों ने 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम में हुए क्रूर आतंकवादी हमलों की पृष्ठभूमि तैयार की थी।"

कल ही कांग्रेस नेता ने दावा किया था कि अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पाकिस्तानी उप प्रधानमंत्री इशाक डार से मुलाकात की और आतंकवाद का मुकाबला करने तथा क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने में पाकिस्तान की भागीदारी के लिए उसे धन्यवाद दिया।

रमेश ने अपने पोस्ट में कहा, "प्रधानमंत्री द्वारा 19 जून, 2020 को चीन को क्लीन चिट देने की भारत को पहले ही भारी कीमत चुकानी पड़ी है। राष्ट्रपति ट्रंप के साथ उनकी बहुचर्चित दोस्ती अब खोखली साबित हो रही है।"

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