नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि इसको लेकर कुछ राजनीतिक दल देश को गुमराह कर रहे हैं। झूठ और भ्रम फैला रहे हैं। मोदी ने कहा कि अब भी जो भ्रम में हैं, मैं उन्हें कहूंगा कि कांग्रेस और अर्बन नक्सलियों द्वारा उड़ाई गई डिटेंशन सेंटर की अफवाह सरासर झूठ है। जो इस देश के मुसलमान हैं, जिनके पुरखे मां भारती की संतान थे, उनका नागरिकता कानून और एनआरसी से कोई लेना-देना नहीं है। एनआरसी को लेकर कहीं दूर-दूर तक चर्चा नहीं है। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार की प्रत्येक योजनाएं गरीबों के लिए बनती है। इसका लाभ हर गरीब को मिलता है। उनकी सरकार कभी किसी का धर्म नहीं पूछती। फिर क्यों उन पर झूठा आरोप लगाया जा रहा है। दिल्ली की रामलीला मैदान में 'आभार रैली' को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि समस्याओं को लटकाकर रखना उनका संस्कार नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग धीमी गति से काम करते हुए लटकाकर रखते थे। पिछली सरकार ने समस्याओं को कभी ईमानदारी से हल करने के लिए इच्छा नहीं दिखाई। गौरतलब है कि भाजपा ने राष्ट्रीय राजधानी की 1734 अवैध कॉलोनियों को नियमित करने पर प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देने के लिए रामलीला मैदान में रैली आयोजित की। दिल्ली में अवैध कॉलोनियों को नियमित करने से लगभग 40 लाख लोगों को मालिकाना हक मिलने का रास्ता साफ हुआ है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “अभी हाल में जो संसद का सत्र समाप्त हुआ उसमें दिल्ली की कॉलोनियों से जुड़े बिल के अलावा एक और महत्वपूर्ण बिल पास हुआ सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल। इस बिल के पास होने के बाद कुछ राजनीतिक दल तरह-तरह की अफवाह फैलाकर भ्रमित कर रहे हैं। जो इस बिल को लेकर भ्रम फैला रहे हैं मैं उनसे जानना चाहता हूं, क्या जब हमने दिल्ली की सैकड़ों कॉलोनियों को वैध करने का काम किया, तो किसी से पूछा क्या कि आपका धर्म है, आपकी आस्था किस तरफ है, आप किस पार्टी के समर्थक हैं।”
‘हिंदुस्तान के मुसलमानों का सीएए और एनआरसी से कोई लेना-देना नहीं’
मोदी ने कहा कि अब भी जो भ्रम में हैं, मैं उन्हें कहूंगा कि कांग्रेस और अर्बन नक्सलियों द्वारा उड़ाई गई डिटेंशन सेंटर की अफवाह सरासर झूठ है। जो इस देश के मुसलमान हैं, जिनके पुरखे मां भारती की संतान थे, उन पर नागरिकता कानून और एनआरसी से कोई लेना-देना नहीं है। एनआरसी को लेकर कहीं दूर-दूर तक चर्चा नहीं है। मोदी ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून भारत के किसी नागरिक चाहे वो हिन्दू हो या मुसलमान, के लिए है ही नहीं। ये संसद में बोला गया है। ये कानून का इस देश के अंदर रह रहे 130 करोड़ लोगों से कोई वास्ता नहीं है।
किसी नए शरणार्थी को इस कानून का फायदा नहीं मिलेगा
मोदी ने कहा कि ये एक्ट उन लोगों पर लागू होगा जो बरसों से भारत में ही रह रहे हैं। किसी नए शरणार्थी को इस कानून का फायदा नहीं मिलेगा। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक प्रताड़ना की वजह से आए लोगों को सुरक्षा देने के लिए ये कानून है।सीएए किसी की नागरिकता छीनने के लिए नहीं बल्कि नागरिकता देने के लिए है। हमारे तीन पड़ोसी देशों के वो अल्पसंख्यक, जो अत्याचार की वजह से वहां से भागकर भारत आने को मजबूर हुए हैं, उन्हें इस एक्ट में कुछ रियायतें दी गई हैं, ढील दी गई है।
‘हिंसा करने वालों के इरादे देश जान चुका है’
पीएम मोदी ने कहा कि स्कूल बसों पर हमले हुए, ट्रेनों पर हमले हुए, मोटरसाइकिलों, गाड़ियों, साइकिलों, छोटी-छोटी दुकानों को जलाया गया, भारत के ईमानदार टैक्सपेयर के पैसे से बनी सरकारी संपत्ति को खाक कर दिया गया है। इनके इरादे कैसे हैं, ये देश जान चुका है। मोदी ने कहा, “जिन पुलिसवालों पर आप पत्थर बरसा रहें हैं, उन्हें जख्मी करके आपको क्या मिलेगा? आजादी के बाद 33 हजार से ज्यादा पुलिसवालों ने, शांति के लिए, आपकी सुरक्षा के लिए शहादत दी है।” मोदी ने आंदोलनकारियों से अहिंसा का रास्ता चुनने की अपील की है।
‘महात्मा गांधी और मनमोहन सिंह ने भी कही थी ये बात’
मोदी ने कहा, "महात्मा गांधी ने कहा था कि पाकिस्तान में रहने वाले हिन्दू और सिख साथियों को जब लगे कि उन्हें भारत आना चाहिए तो उनका स्वागत है। ये रियायत तब की भारत सरकार के वादे के मुताबिक है, जो बंटवारे के कारण अल्पसंख्यक बने भारतीयों के साथ किया गया था। मनमोहन सिंह जी ने संसद में खड़े होकर कहा था कि हमें बांग्लादेश से आए उन लोगों को नागरिकता देनी चाहिए जिनका अपनी आस्था की वजह से वहां पर उत्पीड़न हो रहा है, जो वहां से भाग कर भारत आ रहे हैं। एक दौर था जब असम के पूर्व सीएम और कांग्रेस के दिग्गज नेता तरुण गोगोई जी भी चिट्ठियां लिखा करते थे, असम कांग्रेस में प्रस्ताव पास हुआ करते थे कि जिन लोगों पर बांग्लादेश में अत्याचार हो रहा है, जो वहां से हमारे यहां आ रहे हैं, उनकी मदद की जाए। ऐसे में इस बिल के विरोध के बहाने इन सभी विरोधियों का असली चेहरा भी देश के लोगों के सामने आ रहा है। उस समय की हमदर्दी सिर्फ बहाना था, देश की जनता के साथ बोला गया सफेद झूठ था।"
ममता बनर्जी पर भी बोला हमला
प्रधानमंत्री ने कहा, “आज ममता दीदी, कोलकाता से सीधे संयुक्त राष्ट्र पहुंच गई हैं। लेकिन कुछ साल पहले तक यही ममता दीदी संसद में खड़े होकर गुहार लगा रहीं थीं कि बांग्लादेश से आने वाले घुसपैठियों को रोका जाए, वहां से आए पीड़ित शरणार्थियों की मदद की जाए। आज जिस वामपंथ को भारत की जनता नकार चुकी है, जो अब समाप्ति पर है, उसी के दिग्गज नेता प्रकाश करात ने भी धार्मिक उत्पीड़न की वजह से बांग्लादेश से आने वालों को मदद की बात कही थी। आज जब इन्हीं लोगों के राजनीतिक दल, धार्मिक उत्पीड़न की वजह से भारत आए शरणार्थियों को नागरिकता देने से मना कर रहे हैं।”
दलित राजनीति करने वालों से सवाल
मोदी ने कहा कि ये लोग उपदेश दे रहे हैं, लेकिन शांति के लिए एक शब्द बोलने के लिए तैयार नहीं हैं, हिंसा रोकने के लिए एक शब्द बोलने के लिए तैयार नहीं है। इसका मतलब है कि हिंसा, पुलिस पर हो रहे हमलों पर आपकी मौन सहमति है। ये देश देख रहा है।
पीएम मोदी ने आगे कहा, “मैं दलित राजनीति करने का दावा करने वालों से भी पूछना चाहता हूं कि आप इतने वर्षों से चुप क्यों थे, आपको इन दलितों की तकलीफ कभी क्यों नहीं दिखाई दी। आज जब इन दलितों के जीवन की सबसे बड़ी चिंता दूर करने का काम मोदी सरकार कर रही है तो आपके पेट में चूहे क्यों दौड़ रहे हैं। पाकिस्तान से जो शरणार्थी आए हैं उसमें से अधिकतर दलित परिवारों से हैं। वहां आज भी दलितों के साथ दुर्व्यवहार होता है। वहां बेटियों के साथ अत्याचार होता है, जबरन शादी करके उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जाता है। मैं दलित राजनीति करने का दावा करने वालों से भी पूछना चाहता हूं कि आप इतने वर्षों से चुप क्यों थे, आपको इन दलितों की तकलीफ कभी क्यों नहीं दिखाई दी।"
'देशहित में ऐसी राजनीति बंद करिए'
मोदी ने कहा, “पिछले पांच साल में हमारी सरकार ने डेढ़ करोड़ से ज्यादा गरीबों को घर बनाकर दिए हैं। हमने किसी से नहीं पूछा कि आपका क्या धर्म है? फिर क्यों कुछ लोग झूठ पर झूठ बोले जा रहे हैं, देश को गुमराह कर रहे हैं।” मोदी ने कांग्रेस सहित विपक्षी दलों से पूछा, “मैं जानना चाहता हूं कांग्रेस और उसके साथियों से, उसकी तरह देश को बांटने की राजनीति करने वाले दलों से कि आप क्यों देश की जनता से झूठ बोल रहे हैं, उन्हें भड़का रहे हैं। देशहित में ऐसी राजनीति बंद करिए।” पीएम मोदी ने कहा कि ये लोग किस तरह अपने स्वार्थ के लिए, अपनी राजनीति के लिए किस हद तक जा रहे हैं, ये आपने पिछले हफ्ते भी देखा है। जो बयान दिए गए, झूठे वीडियो, उकसाने वाली बातें कहीं, उच्च स्तर पर बैठे लोगों ने सोशल मीडिया में डालकर भ्रम और आग फैलाने का गुनाह किया है। मोदी ने कहा कि आज जो ये लोग कागज-कागज, सर्टिफिकेट-सर्टिफिकेट के नाम पर मुस्लिमों को भ्रमित कर रहे हैं, उन्हें ये याद रखना चाहिए कि हमने गरीबों की भलाई के लिए इन योजनाओं के लाभार्थी चुनते समय कागजों की बंदिशें नहीं लगाईं
'समस्याओं को लटकाकर रखना हमारी प्रवृत्ति नहीं'
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि समस्याओं को लटकाकर रखना यह हमारी प्रवृत्ति नहीं है। यह हमारे संस्कार नहीं हैं और न ही राजनीति का हमारा यह रास्ता है। जिन लोगों पर आपने अपने घरों को नियमित कराने का भरोसा रखा था वो खुद क्या कर रहे थे। ये दिल्लीवालों को जानना जरूरी है। मोदी ने कहा कि इन लोगों ने दिल्ली के सबसे महंगे इलाकों में अपने लोगों को बंगले दिए और बंगलों के बदले उन्हें क्या मिला होगा वो आप जानते हैं। इन्होंने आपको घर देने के लिए कुछ किया भी नहीं और जब मैं इस काम को कर रहा था तब राह में रोड़े अटकाए। कॉलोनियों के नियमितीकरण का फैसला घर और जमीन के अधिकार से जुड़ा तो है ही यह दिल्ली के कारोबार को भी गति देने वाला है। मोदी ने कहा कि 1700 से अधिक कॉलोनियों को चिह्नित करने का काम पूरा किया जा चुका है। इतना ही नहीं 1200 से अधिक कॉलोनियों के नक्शे भी पोर्टल पर डाले जा चुके हैं।
'जीवन से जब अनिश्चितता निकल जाती है तो एक बड़ी चिंता हट जाती है'
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, "जीवन से जब अनिश्चितता निकल जाती है एक बड़ी चिंता हट जाती है तो उसका प्रभाव क्या होता है वो मैं आप सभी के चेहरे पर देख रहा हूं। आपकी गर्मजोशी में अनुभव कर रहा हूं।" पीएम मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री उदय योजना के माध्यम से आपको अपने घर, अपनी जमीन और अपने जीवन की सबसे बड़ी पूंजी पर संपूर्ण अधिकार मिला। इसके लिए आप सबको बहुत-बहुत बधाई। उन्हें खुशी है कि दिल्ली के 40 लाख लोगों के जीवन में नया सवेरा लाने में वे सफल रहे हैं।
विपक्ष पर हमला बोलते हुए उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली वालों को अनधिकृत कॉलोनियों की चिंता से मुक्त करने और स्थाई समाधान करने की नीयत इन लोगों ने कभी नहीं दिखाई। जब गरीब के लिए काम करना होता है तो इनके काम की रफ्तार क्या होती है तब इनकी बातों और इरादों से पता चलता है।