कांग्रेस नेता और पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर सरकारी कंपनियों को ठेके न देकर अंबानी और अडानी की कंपनियों को ठेके देने का आरोप लगाया है।
शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि प्रधानमंत्री ने 55 देशों की यात्रा की। इन 55 देशों में 18 में अंबानी और अडानी को बड़े ठेके मिले। 2015 में प्रधानमंत्री ने रूस का दौरा किया और अंबानी ने एक कमजोर कंपनी अल माजा मेंटल 6 बिलियन डॉलर में खरीदी और एक महीने के अंदर रिलायंस डिफेंस को ठेका दे दिया गया। फिर प्रधानमंत्री फ्रांस के दौरे पर गए और वहां अंबानी को ऑफसेट पार्टनर बना दिया गया। वैसे तो प्रधानमंत्री 10 रुपये के पेन के लिए भी बिल मांगते हैं, लेकिन राफेल डील पर कुछ नहीं दिया गया। फ्रांस में अंबानी पर 1100 करोड़ का कर्जा था, तब फ्रांस सरकार ने इसे माफ कर दिया।
सरकारी कंपनियों को नहीं मिला ठेका
कांग्रेस नेता सिद्धू ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि प्रधानमंत्री फिर स्वीडन गए वहां भी अंबानी को ठेका दे दिया गया। तब अडानी ने एयर फोर्स प्लेन के लिए बोली लगाई थी। ये सारे ठेके सरकारी कंपनियों को दिए जाने थे लेकिन ऐसा नहीं किया गया। अंबानी को हवा से हवा में मारने वाला मिसाइल बनाने के लिए 65 हजार करोड़ का ठेका दिया गया लेकिन डीआरडीओ को नहीं दिया गया।
कांग्रेस नेता ने कहा कि पीएम से यह पूछना चाहते हूं कि क्या कंपनियां देश के लिए काम करती हैं. प्रधानमंत्री जब बांग्लादेश के दौरे पर गए तो 3,000 मेगावॉट बिजली का ठेका अंबानी और अडानी को दे दिया गया। एनटीपीसी को यह ठेका नहीं दिया गया। यह सभी ठेके अंबानी और अडाणी की दोनों कंपनियों को दे दिए गए जिससे अगले 3 साल में 15,000 करोड़ का मुनाफा होगा।
क्या बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर हैं पीएम
सिद्धू ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े कोयला खदान का ठेका अडानी को ऑस्ट्रेलिया में मिला। इरान में पांच सौ मिलियन का ठेका हासिल किया। मोजाम्बिक, ओमान, म्यामांर, चीन में भी इन कंपनियों को ठेके दिए गए। उन्होंने पीएम से सवाल किया कि क्या पीएम अंबानी और अडाणी के बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर हैं। उन्होंने कहा कि फसल बीमा योजना राफेल डील घोटाले से भी बड़ा है।