पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से दिए बयान को लेकर सियासत गरम है। अब इसे लेकर कांग्रेस ने चुनाव आयोग से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। कांग्रेस पार्टी ने आयोग से मोदी के प्रचार पर फौरन रोक लगाने की भी मांग की है। कांग्रेस नेताओं की एक टीम ने चुनाव आयुक्तों से मुलाकात की। इसमें अभिषेक मनु सिंघवी, राजीव शुक्ला, सलमान खुर्शीद जैसे नेता शामिल थे।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, कांग्रेस की टीम ने पीएम मोदी की टिप्पणी को असभ्य, अवैध और भारतीय परंपराओं के खिलाफ करार दिया है। सिंघवी ने कहा, ‘हमने प्रधानमंत्री के प्रचार पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है। हमने चुनाव आयोग से कहा कि यह उसकी विश्वसनीयता के लिए भी आवश्यक है क्योंकि चुनाव आयोग ने पूर्व में शिकायत 30 दिन से ज्यादा समय तक लंबित रखी।’
उन्होंने कहा, ‘चुनाव (पूरे होने) में लगभग दो हफ्ते बचे हैं, प्रधानमंत्री के प्रचार पर फौरन रोक लगनी चाहिए और कम से कम 24 घंटे का नोटिस दिया जाना चाहिए और कार्रवाई 48 घंटे के अंदर होनी चाहिए।’
मोदी ने क्या कहा था?
गौरतलब कि पीएम मोदी ने पिछले शनिवार को उत्तर प्रदेश में एक रैली में कहा था कि कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी के पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के जीवन का अंत भ्रष्टाचारी नंबर एक के रूप में हुआ।
‘प्रधानमंत्री भारतीय संस्कृति से अवगत नहीं’
कांग्रेस नेता सिंघवी ने कहा कि ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री भारतीय संस्कृति से परिचित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि देश में शीर्ष पद पर बैठे किसी व्यक्ति को ऐसा बयान देना शोभा नहीं देता।
‘देश कानून के शासन से चलता है या पीएम के बयान से’
सिंघवी ने कहा कि राजीव गांधी के खिलाफ अर्जी दाखिल होने के लगभग 14 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने उसे 2 नवंबर 2018 को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, ‘मैं पूछना चाहता हूं कि यह देश कानून के शासन से चलता है या प्रधानमंत्री के बयान से।’
जेटली ने दिया जवाब
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस प्रमुख और उनकी पार्टी एक ईमानदार प्रधानमंत्री की आलोचना एक चोर के रूप में कर सकती है और कोई आचार संहिता उन्हें ऐसा करने से नहीं रोक रही, लेकिन यदि प्रधानमंत्री कांग्रेस विरासत को भ्रष्ट कहें तो कांग्रेस पार्टी उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करती है और चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराती है।