कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और केरल के कई अन्य सांसदों ने शनिवार को वायनाड की भूस्खलन त्रासदी के पीड़ितों के लिए राहत पैकेज की मांग को लेकर संसद परिसर में प्रदर्शन किया।
संसद भवन के ‘मकर द्वार’ के निकट प्रियंका गांधी और कई अन्य सांसद एकत्र हुए और ‘वायनाड के साथ भेदभाव बंद करो’ के नारे लगाए।
वायनाड से लोकसभा सदस्य प्रियंका गांधी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सरकार वायनाड को विशेष पैकेज देने से इनकार कर रही है। हमने गृह मंत्री (अमित शाह) से अनुरोध किया है और प्रधानमंत्री को लिखा है। इसी तरह हिमाचल प्रदेश में भी बड़े पैमाने पर तबाही हुई है और वे भी केंद्र से मदद मांग रहे हैं।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि इन दोनों मामलों में केंद्र सरकार राजनीतिक कारणों से पीड़ितों को उनकी उचित सहायता से वंचित कर रही है।
प्रियंका गांधी ने कहा, ‘‘भारत के नागरिक होने के नाते सभी समान व्यवहार के पात्र हैं और प्राकृतिक आपदाओं को लेकर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।’’ प्रियंका गांधी वाद्रा ने इसी मुद्दे पर पिछले दिनों गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने गत बृहस्पतिवार को लोकसभा में कहा था कि विपक्षी दलों को वायनाड की भूस्खलन त्रासदी पर राजनीति नहीं करनी चाहिए क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार इस हादसे के बाद सजग और संवेदनशील थी तथा उसने राज्य को पूरी सहायता उपलब्ध कराई।
राय ने सदन में ‘आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, 2024’ पर चर्चा का जवाब देते हुए यह भी कहा था कि विपक्ष को मोदी सरकार के सहयोग को स्वीकार करना चाहिए।
केरल के वायनाड जिले में 30 जुलाई को मेप्पाडी के पास विभिन्न पहाड़ी इलाकों में आए भूस्खलन ने भारी तबाही मचा दी थी। इस प्राकृतिक आपदा के कारण 231 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 200 लोग लापता हैं। आपदा ने वायनाड में अट्टामाला के साथ-साथ तीन गांवों- पुंचिरीमट्टम, चूरालमाला और मुंडक्कई के बड़े हिस्से को तबाह कर दिया था।