नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्रदर्शन कर रहे किसान समूहों ने सोमवार को कहा कि वे विकसित भूखंड और अतीत में अधिग्रहीत उनकी जमीन के लिए अधिक मुआवजे सहित अपनी मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए 23 फरवरी को दिल्ली मार्च करेंगे।
महिलाओं सहित हजारों ग्रामीणों ने आठ फरवरी को राष्ट्रीय राजधानी के साथ लगती नोएडा की सीमाओं पर कड़ी सुरक्षा के बीच दिल्ली जाने का असफल प्रयास किया था, जिससे शहर में यातायात अवरूद्ध हो गया था।
प्रदर्शनकारियों ने उस दिन मार्च वापस ले लिया था और वे पुलिस द्वारा स्थानीय अधिकारियों और उत्तर प्रदेश सरकार के प्रतिनिधियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक का आश्वासन दिए जाने के बाद शांत हो गए थे। बड़ी संख्या में किसान विरोध प्रदर्शन के लिए सोमवार को ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (जीएनआईडीए) के कार्यालय के बाहर एकत्र हुए और एक प्रमुख स्थानीय समूह भारतीय किसान परिषद (बीकेपी) ने 23 फरवरी को दिल्ली मार्च का आह्वान किया।
बीकेपी ने एक बयान में कहा, ‘‘13 फरवरी को सरकारी अधिकारियों द्वारा एक बैठक की गई थी और वहां यह निर्णय लिया गया था कि किसानों के मुद्दों को हल करने के लिए 18 फरवरी तक एक उच्च-अधिकार प्राप्त समिति का गठन किया जाएगा, लेकिन आज तक कुछ भी नहीं हुआ है।’’
किसान समूह ने चेतावनी देते हुए कहा, ''अब प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से तीन दिन का समय और मांगा गया है, जिसे किसानों ने स्वीकार कर लिया है और कहा है कि अगर तब तक समाधान नहीं निकला तो किसान 23 फरवरी को दिल्ली मार्च करेंगे।’’
नोएडा और ग्रेटर नोएडा के किसान दिसंबर, 2023 से स्थानीय विकास प्राधिकरणों द्वारा अधिग्रहीत अपनी भूमि के बदले अधिक मुआवजे और विकसित भूखंड देने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।