संयुक्त किसान मोर्चे की माँग को स्वीकार करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी न राज्य में खेती कानूनों के विरुद्ध प्रदर्शन करने वाले किसानों के खि़लाफ़ पंजाब पुलिस द्वारा दर्ज सभी एफआईआर रद्द करने का एलान किया। उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चे के नुमायंदों को भरोसा दिया कि वह पंजाब के राज्यपाल जो चण्डीगढ़ के प्रशासक भी हैं, को निजी तौर पर मिलकर मसला उठाएंगे जिससे खेती कानूनों के खि़लाफ़ प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाले किसानों के विरुद्ध केस वापस करवाए जा सकें। मुख्यमंत्री चन्नी ने ऐलान किया कि विभिन्न किसान यूनियनों के प्रतिनिधिमंडलों के साथ राज्यपाल को जल्द ही मिलकर यह केस तुरंत वापस लेने की अपील करेंगे।
किसान यूनियनों की माँग पर मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि किसान भाईचारे के हित में धान की पराली जलाने वाले किसानों पर दर्ज मामलों पर कानूनी नज़रिए से विचार किया जायेगा। हालाँकि, उन्होंने किसानों को भविष्य में धान की पराली को आग लगाने से परहेज़ करने की अपील की क्योंकि इससे वातावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए ख़तरनाक होने के साथ-साथ ज़मीन की उपजाऊ शक्ति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता।
नरमे की फ़सल पर गुलाबी सूंडी के हमले के कारण नुकसान बर्दाश्त करने वाले नरमा उत्पादकों और खेत कामगारों को बड़ी राहत देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने आज फ़सल का मुआवज़ा 12000 रुपए से बढ़ाकर 17000 रुपए प्रति एकड़ करने का एलान किया है। इसके साथ ही इस राहत का 10 प्रतिशत नरमा चुगने वाले खेत कामगारों को देने का ऐलान भी किया।
आज यहाँ पंजाब भवन में भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के प्रधान बलबीर सिंह राजेवाल के नेतृत्व में 32 किसान संगठनों की संयुक्त किसान मोर्चे के नुमायंदों के साथ उच्च स्तरीय मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि मुआवज़ा राशि बढ़ने से 200 करोड़ रुपए की और राहत मिलेगी जबकि 12000 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से 416.18 करोड़ रुपए पहले ही मंजूर किये जा चुके हैं।