जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने को लेकर राहुल गांधी और जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के बीच बहस जारी है। अब राहुल गांधी ने कहा है कि मैं जम्मू-कश्मीर की यात्रा करने और लोगों से मिलने के आपके निमंत्रण को बिना शर्त स्वीकार करता हूं। राहुल ने पूछा कि अब बताइये कश्मीर कब आना है?
दरअसल, राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर में हिंसा की खबरों को लेकर चिंता जताई थी। इसके बाद राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा था कि यहां आकर स्थिति देख जाइए, आपके लिए राज्य सरकार का विमान मैं भेजता हूं। इसके जवाब में राहुल ने कहा कि विमान छोड़िए, विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल को वहां का दौरा करने दीजिए। इस पर राज्यपाल ने आरोप लगाया कि राहुल विपक्षी नेताओं का प्रतिनिधिमंडल लाने की बात करके अशांति पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। राज्यपाल के अनुसार राहुल ने यात्रा के लिए कई शर्तें रखी थीं जिनमें हिरासत में बंद मुख्यधारा के नेताओं से मुलाकात भी शामिल है। मलिक ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस नेता को इतनी पूर्व शर्तों के साथ आमंत्रित नहीं किया था।
अब राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है, “प्रिय मलिक जी, मैंने अपने ट्वीट का जवाब देखा। मैं जम्मू-कश्मीर की यात्रा करने और लोगों से मिलने के आपके निमंत्रण को स्वीकार करता हूं, जिसमें कोई भी शर्त नहीं जुड़ी है। मैं कब आ सकता हूं?”
चिदंबरम ने भी घेरा
वहीं वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्य पाल मलिक पर निशाना साधते हुए कहा कि राहुल गांधी के राज्य का दौरा करने का उनका निमंत्रण "प्रोपेगेंडा" था और कभी भी ईमानदार नहीं थे।
उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी को लेकर यह कहना कि उन्होंने शर्तें रखी हैं वह बकवास है, क्योंकि उन्होंने केवल सैनिकों सहित सभी से मिलने की आजादी मांगी है।
उन्होंने ट्विटर पर पूछा, " गवर्नर का राहुल गांधी के लिए निमंत्रण कभी भी एक ईमानदार आमंत्रण नहीं था। यह प्रचार का एक उपकरण था। यह कहना कि राहुल गांधी ने शर्तें रखी है यह बकवास है। राहुल गांधी ने सैनिकों सहित सभी से मिलने की आजादी मांगी है। वह कहां शर्तें रख रहे हैं?" ।
उन्होंने आगे पूछा, "क्या कोई आगंतुक लोगों के विभिन्न वर्गों से मिलने और सैनिकों के कल्याण के बारे में पूछने के लिए स्वतंत्रता नहीं मांग सकता?"
क्या है पूरा मामला?
शनिवार की रात राहुल गांधी ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर से हिंसा की कुछ खबरें आई हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पारदर्शी तरीके से इस मामले पर चिंता व्यक्त करनी चाहिए।
इस पर राज्यपाल मलिक ने कहा, ‘मैंने राहुल गांधी को यहां आने के लिए न्योता दिया है। मैंने उनसे कहा कि मैं आपके लिए विमान भेजूंगा ताकि आप स्थिति का जायजा लीजिए और तब बोलिए। आप एक जिम्मेदार व्यक्ति हैं और आपको ऐसे बात नहीं करनी चाहिए।’
इस पर पलटवार करते हुए राहुल गांधी ने ट्वीट किया है कि मैं विपक्ष के नेताओं के साथ जम्मू-कश्मीर और लद्दाख आने के निमंत्रण को स्वीकार करना चाहता हूं। राहुल गांधी ने कहा, 'हमें एयरक्राफ्ट मत दीजिए, लेकिन इस बात को तय कर दीजिए कि हमें वहां घूमने और लोगों से मिलने की आजादी होगी। हमारे मेन स्ट्रीम लीडर और सेना के जवान वहीं रहेंगे।'
इसके जवाब में राज्यपाल ने एक बयान में कहा, गांधी ने यात्रा के लिए कई शर्तें रखी हैं। राज्यपाल के बयान के अनुसार गांधी ने यात्रा के लिए कई शर्तें रखी थीं जिनमें हिरासत में बंद मुख्यधारा के नेताओं से मुलाकात भी शामिल है। मलिक ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस नेता को कभी भी इतनी पूर्व शर्तों के साथ आमंत्रित नहीं किया था। उन्होंने आगे मामले के अध्ययन के लिए इसे स्थानीय पुलिस और प्रशासन को भेजा है।
राज्य का दौरा करने के अपने प्रस्ताव पर "यू-टर्न लेने" के लिए राज्यपाल पर निशाना साधते हुए, कांग्रेस ने कहा कि उन्हें अपने शब्द पर कायम रहना चाहिए।