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रावत ने मानी स्टिंग सीडी में अपनी मौजूदगी, कहा जेल जाने को तैयार

बागी विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त में खुद की संलिप्तता दिखाने वाली स्टिंग सीडी को अब तक फर्जी और गलत बताने वाले उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज उसमें अपनी मौजूदगी को मान लिया। हालांकि उन्होंने कहा कि यह सब भाजपा के आपराधिक षड़यंत्र का हिस्सा था और वह जेल जाने को तैयार हैं।
रावत ने मानी स्टिंग सीडी में अपनी मौजूदगी, कहा जेल जाने को तैयार

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने स्टिंग सीडी में अपनी मौजूदगी को स्वीकार करते हुए कहा कि पत्रकार से मिलना कोई अपराध नहीं है। उन्होंने कहा, क्या किसी पत्रकार से मिलना कोई अपराध है। क्या तब तक तकनीकी रूप से अयोग्य घोषित नहीं हुए विधायकों में से किसी ने भी मुझसे बातचीत की। इस संबंध में अपने निर्दोष होने का दावा करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सीडी में से ऐसा कुछ भी प्रमाणित हो जाए कि उन्होंने असंतुष्ट विधायकों का समर्थन लेने के बदले में उन्हें नकद या किसी और प्रकार की पेशकश की तो वह जनता के सामने फांसी पर लटकने को तैयार हैं। रावत ने कहा,अगर मेरे खिलाफ ऐसा कोई प्रमाण मिलता है कि मैंने किसी को धन या किसी और चीज की पेशकश की तो मुझे घंटाघर पर लटका दीजिए। घंटाघर चौक देहरादून के बिल्कुल बीचोंबीच स्थित है। रावत ने आरोप लगाया कि स्टिंग सीडी प्रकरण और उसकी सीबीआई जांच भाजपा की उनकी सरकार गिराने की साजिश का एक हिस्सा थी और इस मामले में वह जेल जाने सहित भाजपा का हर अत्याचार सहने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि एक आपराधिक षड़यंत्र के तहत सीडी प्रकरण व सीबीआई जांच को लेकर राजनीति की जा रही है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह अपने दिलो दिमाग में मुझ पर जो भी जुल्म करने की सोच रहे हैं, मैं उसे भी सहने को तैयार हूं।

 

हालांकि, अपदस्थ मुख्यमंत्री रावत के इस बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि उनके और स्टिंग सीडी बनाने वाले उस पत्रकार के बीच मुलाकात हुई थी। महत्वपूर्ण बात यह है कि रावत अब तक सीडी की सत्यता को ही चुनौती देते रहे थे और उन्होंने उसे फर्जी और गलत बताया था। रावत ने कहा, मेरे लिए कोई क्यों 15 करोड़ रूपये खर्च करेगा। वह पत्रकार मेरा मन बहलाने के लिए कुछ अर्थहीन बातें कर रहा था और मैंने उसका मन बहलाने के लिए ऐसे ही कुछ कह दिया। इससे क्या फर्क पडता है हम रोजाना इस प्रकार की बातें कहते रहते हैं। क्या इसका मतलब है कि उनका प्रयोग हमारे खिलाफ किया जाए। एक निजी चैनल के मुख्य संपादक द्वारा बनाई गई और रावत के खिलाफ बागी हो गए नौ कांग्रेस विधायकों द्वारा प्रसारित की गई स्टिंग सीडी में कथित रूप से रावत को बागी विधायकों का समर्थन हासिल करने के लिए पत्रकार से सौदेबाजी करते दिखाया गया था। गत 18 मार्च को नौ कांग्रेस विधायकों के बागी हो जाने और राज्य विधानसभा में भाजपा के साथ खड़े हो जाने के बाद प्रदेश में सियासी संकट पैदा हो गया था जिसकी परिणिति 27 मार्च को राष्ट्रपति शासन के रूप में हुई थी। रावत के प्रधानमंत्री और शाह पर लगाए गए आरोपों की बाबत प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि सत्ता से बेदखल होने से रावत का मानसिक संतुलन गड़बड़ा गया है और इसी के कारण वह बेसिर पैर की बातें कर रहे हैं।

 

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