भाकपा महासचिव सुर्यवरम सुधाकर रेड्डी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में कहा, निजी तौर पर मुझे लग रहा है कि वाम दलों के एकीकरण का समय आ गया है और देरी हो रही है। इसकी तुरंत जरूरत है लेकिन हम सभी संबंधित दलों को तुरंत जुड़ने के लिए जोर नहीं दे सकते। दूसरों को भी राजी होना चाहिए। उन्होंने कहा, हमारी पार्टी सिद्धांतों के आधार पर कम्युनिस्ट आंदोलन के एकीकरण के पक्ष में है और जितनी जल्दी मुमकिन हो यह होना चाहिए जिससे कि नया विश्वास, उत्साह बहाल हो और वाम दलों के लिए काम करने वाले कैडरों का पूरा उपयोग हो पाए। रेड्डी ने कहा, मैं ये नहीं कह रहा कि वाम एकता के साथ समूचा राजनीतिक परिदृश्य बदल जाएगा लेकिन वाम को बड़ा फायदा मिलेगा।
पश्चिम बंगाल में मई में विधानसभा चुनावों के दौरान वाम दलों को हार का सामना करना पड़ा और हाल के कूच बिहार और तमलुक लोकसभा सीटों और मंतेश्वर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी। रेड्डी ने कहा, हमने अब तक बंगाल की स्थिति का आकलन नहीं किया है। यह सही है कि पश्चिम बंगाल में वाम अपना पुराना आधार नहीं पा सकता। इसमें कुछ ज्यादा समय लग सकता है। लेकिन, हम आश्वस्त हैं कि वाम के पास बड़ा समर्थन है और ग्रामीण क्षेत्रों में भी एकजुटता है।