डीडीसीए में घपलों के आरोपों को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली और आम आदमी के बीच वाक् युद्ध लगातार जारी है। जेटली ने गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के नेताओं पर निशाना साधते हुए उन पर सार्वजनिक विमर्श का स्तर गिराने का आरोप लगाया और कहा कि पदों पर बैठे लोगों को अभद्रता करने का अधिकार नहीं मिला हुआ है। दिल्ली की क्रिकेट संस्था डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार को लेकर केजरीवाल और आप नेताओं के लगातार आरोपों से घिरे वित्त मंत्री ने कांग्रेस को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सफलता से कांग्रेस पार्टी को यह भ्रम हो गया है कि अभद्रता से वोट आते हैं।
जेटली ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, माननीय मुख्यमंत्री ने दिल्ली विधानसभा के अंदर और बाहर प्रधानमंत्री तथा अन्य लोगों के बारे में जो बयान दिए, उनका क्या? अगर भारत सरकार का कोई पदाधिकारी इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करता तो देशभर में गुस्सा फूट जाता। उन्होंने विपक्षी दलों पर टिप्पणी की, पदों पर बैठे लोगों से संयम बरतने की अपेक्षा की जाती है। उन्हें अभद्रता करने का अधिकार नहीं मिला है। अभद्र भाषा में राजनीतिक विमर्श को दबाया नहीं जा सकता। अभद्रता के साथ बोला गया झुठ सच की जगह नहीं ले सकता। जेटली ने अपने पोस्ट में सवाल किया, क्या अभद्रता भारतीय राजनीति का नया नियम है? उन्होंने इस सवाल का खुद ही जवाब देते हुए लिखा, मुझे उम्मीद है कि ऐसा नहीं है। केजरीवाल और अन्य आप नेताओं के खिलाफ दीवानी और आपराधिक मानहानि के मामले दर्ज कराने वाले जेटली ने कहा कि सार्वजनिक विमर्श को अशिष्ट रूप देना कभी राजनीति का सुनहरा क्षण नहीं हो सकता।
जेटली ने बुधवार को एक व्याख्यान में कहा था कि भारत में राजनीतिक चर्चा अशिष्ट हो गई है। केजरीवाल ने डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार के मामले में दिल्ली सचिवालय पर सीबीआई के छापे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कायर और मनोरोगी कहा था। इस तरह के मामलों में जेटली ने अपनी पार्टी की पीठ थपथपाते हुए लिखा, कुछ महीने पहले भाजपा के कुछ सदस्यों ने बयान दिए थे जिनसे पार्टी में भी इत्तेफाक नहीं जताया गया था। जेटली के मुताबिक पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने ऐसे नेताओं को चेतावनी दी थी और इस तरह के बयानों से बचने की सलाह दी थी। वित्त मंत्री ने दावा किया कि, चेतावनी का नतीजा दिखाई दे रहा है।