कई दशकों से कांग्रेस के लिए जी जान से काम करने वाली रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि यह फैसला मैने काफी सोच-विचार कर लिया है। कांग्रेस में करीब चौबीस साल तक रहने के बाद अचानक रीता बहुगुणा जोशी का कांग्रेस से मोंह भंग हो गया। कुछ दिनों तक जोशी समाजवादी पार्टी में रही। जोशी ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक की घटना के बाद जिस तरह से कांग्रेस नेताओं के बयान आ रहे थे उससे वे आहत हुई उसके बाद ही पार्टी छोड़ने का मन बनाया। जोशी ने कहा कि कांग्रेस को सर्जिकल स्ट्राइक का प्रमाण पत्र नहीं मांगना चाहिए।
रीता बहुगुणा जोशी को गांधी परिवार खासकर सोनिया गांधी का करीबी माना जाता रहा है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पूर्व प्राेफेसर जोशी के भाई विजय बहुगुणा जोशी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे चुके हैं और बाद में विजय बहुगुणा ने भी भाजपा का दामन थाम लिया था। रीता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद से लड़ने का बीड़ा उठाया है। कांग्रेस इस पर साथ देने की बजाय आलोचना कर रही है। उन्होने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर भी निशाना साधा और कहा कि जब तक सोनिया गांधी के हाथ में कमान थी तब तक पार्टी ठीक ढंग से काम कर रही थी लेकिन अब पार्टी अपने मूल उद्देश्य से भटक गई है। गौरतलब है कि जब से कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया है उसी समय से रीता नाराज चल रही थी। उसके बाद कांग्रेस के कई कार्यक्रमों से भी उन्होने दूरी बनाए रखी। महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुकी रीता की अब भाजपा में क्या भूमिका होगी यह अभी तय नहीं है।