जम्मू-कश्मीर में मौजूदा राजनीतिक उथल-पुथल के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैफुद्दीन सोज ने विवादित बयान दिया है। सैफुद्दीन सोज ने पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के उस बयान का समर्थन किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि कश्मीरियों को मौका मिले तो वह किसी के साथ जाने के बजाय आजाद होना चाहेंगे।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सैफुद्दीन सोज ने कहा, “मुशर्रफ ने कहा कि कश्मीरी पाकिस्तान के साथ विलय नहीं करना चाहते हैं, उनकी पहली पसंद स्वतंत्रता है। बयान तब सत्य था और अब भी सच है। मैं वही कहता हूं लेकिन मुझे पता है कि यह संभव नहीं है।”
अपने बयान पर बखेड़ा खड़ा होता देख बाद में कांग्रेस नेता ने कहा, "वाजपेयी और मुशर्रफ के साथ बातचीत हुई, फिर मनमोहन-मुशर्रफ की चर्चा हुई। दुर्भाग्यवश, मुशर्रफ सिस्टम से बाहर चले गए। वह भारत के साथ सम्मानित शांति चाहते थे। आज, मैं कश्मीर को बता रहा हूं कि आजादी संभव नहीं है। भारत और पाक को बात करनी चाहिए।"
सोज के बयान पर भाजपा, शिवसेना समेत कई पार्टियों ने इस पर ऐतराज जताया है। शिवसेना की मनीषा कायंदे ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष को सैफुद्दीन सोज के बयान पर जवाब देने की जरूरत है। यदि सैफुद्दीन सोज पाकिस्तान और मुशर्रफ के लिए इतना स्नेह रखते हैं तो उन्हें पाकिस्तान में रहने और उनके नौकर बनने पर विचार करना चाहिए।
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री के तौर पर उन्हें (सैफुद्दीन सोज) को केंद्र की शक्ति से फायदा हुआ था जब उनकी बेटी का जेकेएलएफ ने अपहरण कर लिया था। ऐसे व्यक्ति मदद करने के लायक नहीं है। जो भी यहां रहना चाहता है वह संविधान का पालन करे, अगर उन्हें मुशर्रफ पसंद है तो हम उन्हें पाकिस्तान जाने के लिए एक तरफ का टिकट दे देंगे।