कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय सचिव डा शकील अहमद को छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया है। इसके अलावा बिहार के बेनीपट्टी से विधायक भावना झा को भी पार्टी से निलंबित कर दिया गया है।
मधुबनी संसदीय सीट से पार्टी के फैसले के विपरीत निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में उतरे डा शकील अहमद ने शनिवार को मधुबनी में प्रेस कांफ्रेंस की थी। इसमें उन्होंने दावा किया था कि पहले तो निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पर्चा दाखिल किया था, लेकिन मतदान की तिथि नजदीक आते-आते सर्वदलीय उम्मीदवार हो गए हैं।
महागठबंधन ने की थी कार्रवाई की मांग
कांग्रेस की स्थानीय विधायक भावना झा के प्रति भी चुनाव प्रचार में सहयोग देने के लिए शकील अहमद ने आभार जताया था और यह जताने की कोशिश की थी कि कांग्रेस सहित सभी गैर-भाजपा दलों का साथ उन्हें मिल रहा है। इसके बाद महागठबंधन के नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के समक्ष शिकायत दर्ज करायी और और कार्रवाई की मांग की। इस पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने तत्काल पार्टी की अनुशासन समिति की बैठक बुलाकर फैसला लेने का निर्देश दिया।
निर्दलीय भरा था पर्चा
डा शकील अहमद ने हाल ही में कांग्रेस प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया था और बिहार के मधुबनी से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन किया था। उनका यह कदम बिहार में महागठबंधन की मुश्किलें बढ़ाने वाला था, क्योंकि मधुबनी सीट बंटवारे के तहत विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को मिली थी। वीआईपी ने बद्री पुर्बे को मधुबनी से अपना उम्मीदवार बनाया है। पुर्बे का मुकाबला भाजपा ने दिग्गज सांसद हुकुमदेव नारायण यादव के बेटे अशोक यादव से है।
शकील अहमद 1998 और 2004 में मधुबनी सीट से सांसद रह चुके हैं और 1985, 1990, 2000 में विधायक चुने गए थे। वे राबड़ी देवी के नेतृत्व वाली बिहार सरकार में स्वास्थ्य मंत्री भी थे। 2004 में केंद्र में मनमोहन सिंह सरकार में संचार, आईटी और गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री रहे थे।