इन दिनों चुनावी माहौल में राजनीतिक पार्टियों का एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। इस बीच उत्तर प्रदेश के वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रोड शो से पहले प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पीएम मोदी पर हमला बोला है। ट्विटर के माध्यम से अखिलेश ने कहा कि जनता ने भाजपा का नया अर्थ निकाला है...भागती जनता पार्टी...। अखिलेश ने लिखा कि प्रधान जी प्रेस कॉन्फ्रेंस से बचते हैं और बीजेपी के नेता सवालों से।
अखिलेश यादव ने गुरूवार को ट्वीट कर कहा, ‘विकास’ पूछ रहा है: आपने भी कुछ नया सुना क्या? सुना है जनता ने बीजेपी का नया अर्थ निकाला है ‘भागती जनता पार्टी’, क्योंकि प्रधान जी प्रेस वार्ता से भागते हैं, उनके नेता पत्रकारों के सवालों से भागते हैं और उनके कार्यकर्ता 15 लाख और रोजगार मागती जनता को देखकर’।
‘देश को 'प्रचार मंत्री' नहीं, बल्कि 'प्रधानमंत्री' चाहिए’
इससे पहले अखिलेश यादव ने पीएम मोदी सरकार पर स्वच्छ भारत योजना के लिए अकूत धन इकट्ठा करने का आरोप लगाते हुए बुधवार को कहा था कि देश को 'प्रचार मंत्री' नहीं, बल्कि 'प्रधानमंत्री' चाहिए। अखिलेश ने हरदोई की एक चुनावी जनसभा में कहा, 'भाजपा वालों ने झाड़ू लगाने के लिए न जाने कितना पैसा इकट्ठा किया है। आपको याद है कि नहीं, शुरू में वे सब झाड़ू लिए घूम रहे थे। देश के प्रधानमंत्री ने भी झाड़ू लिया और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी झाड़ू लिया। बताओ कूड़ा खत्म हुआ क्या? कहां है कूड़ा? कूड़ा भाजपा के दिमाग में है। इनकी बात शौचालय से ही शुरू होती है और शौचालय पर ही खत्म हो जाती है।'
‘मोदी ने सीमा पर सबसे ज्यादा जवानों को शहीद करवा दिया’
सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा के राज में सीमाएं असुरक्षित हुई हैं। एक के बदले दुश्मन सैनिकों के 10 सिर लाने का वादा कर सत्ता में आए मोदी ने सीमा पर सबसे ज्यादा जवानों को शहीद करवा दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा दावे कर रही है कि उसकी वजह से सीमाएं सुरक्षित हैं, मगर सरहदें अगर महफूज हैं तो वे सिर्फ हमारे जवानों की वजह से, भाजपा की वजह से नहीं।
भाजपा नेता नरेश अग्रवाल पर साधा निशाना
अखिलेश ने हरदोई की राजनीति में प्रभावशाली माने जाने वाले भाजपा नेता नरेश अग्रवाल का नाम लिए बगैर उन पर हमला करते हुए कहा कि उन्हें तो 'ठर्रे' में भी हनुमान जी दिखाई पड़ते हैं। उन्होंने अग्रवाल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जिसका ‘चक्र’ पूरा हो जाए, उसे गणित में 'जीरो' कहते हैं। जनता जानती है कि उनकी पोल खुल चुकी है। वह जीरो हो गए हैं।