महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को विपक्ष पर निशाना साधते हुए उस पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के बारे में लोगों को गुमराह करने और उनके जनादेश को स्वीकार नहीं करने का आरोप लगाया।
पत्रकारों से बात करते हुए शिंदे ने कहा कि सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन ने अपने काम की बदौलत 20 नवंबर के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की है और विपक्षी महा विकास अघाड़ी को लोगों के जनादेश को स्वीकार करना चाहिए और विकास कार्यों में सरकार का समर्थन करना चाहिए।
हाल ही में हुए चुनावों में भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के महायुति गठबंधन ने 288 में से 230 सीटें जीतकर सबको चौंका दिया, जबकि कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) के विपक्षी गुट को सिर्फ़ 46 सीटें ही मिल पाईं। विपक्षी दलों ने चुनावों में हार के लिए ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाया है और बैलेट पेपर के इस्तेमाल की मांग की है।
विपक्ष पर निशाना साधते हुए शिवसेना प्रमुख ने कहा, "जब आप जीतते हैं तो ईवीएम घोटाला नहीं होता, लेकिन जब आप हारते हैं तो मशीन खराब हो जाती है। यह सही दृष्टिकोण नहीं है।"
उन्होंने कहा कि विपक्ष को जनादेश स्वीकार करना चाहिए कि वे निर्णायक रूप से पराजित हो चुके हैं। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों ने विपक्ष को उसकी जगह दिखा दी है और साबित कर दिया है कि वे घर बैठे लोगों को वोट नहीं देते हैं।
उन्होंने कहा, "लोकसभा चुनाव में महायुति को 2.48 करोड़ वोट मिले, जो 43.55 प्रतिशत है। एमवीए को 2.5 करोड़ वोट मिले, जो 43.71 प्रतिशत है। फिर भी विपक्ष को 31 सीटें मिलीं और महायुति को 17 सीटें मिलीं। क्या हमें यह कहना चाहिए कि ईवीएम घोटाला हुआ है?"
शिंदे ने कहा कि लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार के बारे में भ्रम पैदा करना लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। उन्होंने कहा, "लोगों ने हमें हमारे काम के लिए जनादेश दिया है। रोना बंद करें और हमारे द्वारा किए गए विकास कार्यों को स्वीकार करें। जनादेश को स्वीकार करें।"
उन्होंने आगे सवाल उठाया कि ईवीएम मुद्दे के विरोध में शनिवार को शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार करने वाले विपक्षी दलों के सदस्यों ने रविवार को विधायक के रूप में शपथ कैसे ले ली।
उन्होंने कहा, "क्या इसका मतलब यह है कि उन्होंने इस मुद्दे को छोड़ दिया है?"
शिंदे ने कहा कि विपक्ष ने झारखंड विधानसभा चुनाव और नांदेड़ (महाराष्ट्र) तथा वायनाड (केरल) लोकसभा सीटों के उपचुनाव जीते हैं। उन्होंने कहा कि महायुति को 49.30 प्रतिशत वोट मिले, यानी 3.18 करोड़ वोट मिले, जबकि एमवीए को 2.35 करोड़ वोट मिले, यानी 1 करोड़ वोटों का अंतर।
उन्होंने कहा कि कोई भी अवैध काम नहीं होगा और किसी के साथ कोई अन्याय नहीं होगा। लातूर में किसानों को वक्फ बोर्ड द्वारा नोटिस भेजे जाने की खबरों पर शिंदे ने कहा कि सरकार संविधान के अनुसार काम करती है।
वोटों के बारे में शिंदे का यह बयान ऐसे समय में आया है जब एक दिन पहले ही एनसीपी (सपा) प्रमुख शरद पवार ने कहा था कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों द्वारा प्राप्त वोटों और जीती गई सीटों के बीच तुलना आश्चर्यजनक है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि वरिष्ठ नेता होने के नाते पवार को देश को गुमराह नहीं करना चाहिए। उन्होंने अपने पोस्ट में कहा, "अगर आप हार स्वीकार कर लेंगे तो आप इससे बाहर निकल आएंगे। मैं आपसे उम्मीद करता हूं कि आप अपने साथियों को आत्मनिरीक्षण की सलाह देंगे।"