उन्होंने कहा, यह (सरकार) क्या यह सोचती है कि हार्वर्ड के प्रोफेसर अमर्त्य सेन किसी सम्मान के पात्र नहीं हैं। उसे लगता है कि आक्सफोर्ड, कैंब्रिज, हार्वर्ड सब बेकार हैं।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा नोटबंदी की अनकही कहानी-भारतीय अर्थव्यवस्था उसके प्रभाव विषय पर आयोजित सेमिनार में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने नोटबंदी के बाद सरकार के वृद्धि के आंकड़े पर सवाल उठाने के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन जैसे प्रख्यात अर्थशास्त्रियों की आलोचना को लेकर सरकार की निंदा की है।
उन्होंने कहा, हमारी सरकारी दुनिया में सबसे बड़ी बुद्धिजीवी-विरोधी सरकार है। चिदंबरम ने सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) के सरकारी आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि यह साफ है कि अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है और इसकी गति धीमी हुई है और राष्ट्रीय आय के चौथी तिमाही के आंकड़े आगे यह साबित करेंगे कि अर्थव्यवस्था नोटबंदी से बुरी तरह प्रभावित हुई है।
उन्होंने कहा, मेरे आकलन से नोटबंदी के प्रभाव से बाहर निकलने में अर्थव्यवस्था को 12 से 18 महीने का समय लग जाएगा। अत: आपको यह प्रभाव 2017-18 में देखने को मिलेगा....। चिदंबरम ने कहा कि नोटबंदी रिजर्व बैंक की सिफारिश से नहीं की गई बल्कि इसके लिए सरकार ने रिजर्व बैंक को निर्देश दिया।