उन्होंने कहा कि पीएम मोदी वही कर रहे हैं जिसके लिए वो आजतक कांग्रेस को कोसते आए हैं। केंद्र सरकार पहले इस बात का जबाव दे कि अल्पसंख्यकों की योजनाओं का बजट क्यों कम किया गया है। उन्होंने कहा कि पहले कोझीकोड केरल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का बयान कि मुसलमानों को वोटों की मंडी न बनाओ और उसके बाद मुस्लिम पंचायतों की शुरुआत। कुल मिलाकर मोदी और भाजपा दोनों हमेशा से मुसलमानों की हालत को लेकर कांग्रेस को कोसते रहे हैं। लेकिन मैं पूछता हूं कि आज मोदी क्या कर रहे हैं। पहले तो केंद्र में चलने वाली अल्पसंख्यक योजनाओं का बजट कम कर दिया। एक भी योजना जमीन पर नहीं दिखाई दे रही है। उस पर मोदी बयान दे रहे हैं कि मुसलमानों को वोटों की मंडी मत बनाओ।
मीम अफजल ने कहा कि अगर मोदी मुसलमानों को वोटर के रूप में नहीं देखते हैं तो यूपी चुनावों से ठीक पहले मुस्लिम पंचायत की कैसे याद आ गई। पंचायत के बहाने आप मुसलमानों के विकास की बात करते हैं तो पहले अल्पसंख्यकों की योजनाओं का पूरा बजट ही दे दीजिए। प्रधानमंत्री ने घोषणा की थी कि वह दो करोड़ नौकरियां देंगे, लेकिन हुआ क्या, अभी तक केंद्र में सिर्फ दो लाख नौकरियां दी गई हैं। मुसलमान सब जानता है कि कौन उनका दोस्त और कौन दुश्मन है।
यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि साढ़े चार साल बाद उन्हें भी अब किसानों की याद आ रही है। आज जब राहुलजी गांव-गांव जाकर किसानों से मिल रहे हैं। हमने किसानों के कर्जे माफ किए हैं। हम किसानों के बीच जा रहे हैं तो सपा में घबराहट पैदा हो रही है। रहा सवाल मुसलमानों का तो सपा पहले यह बताए कि उन्होंने अपने घोषणा पत्र के हिसाब से मुसलमानों के लिए क्या किया। मुसलमानों को आरक्षण दिए जाने और रोजगार के मुद्दे पर कोई कदम उठाया कि नहीं। जबकि 2012 के चुनावों में उन्होंने इसकी घोषणा की थी।