त्रिपुरा में ऐतिहासिक जीत के बाद कल बिप्लव देब ने भारतीय जनता पार्टी ने सहयोगी इंडिजिनस फ्रंट ऑफ त्रिपुरा के सहयोग से बनी सरकार में मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली। इस शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी ने भी भाग लिया।
इस शपथ ग्रहण में दो बातों की बहुत चर्चा रही, पहली प्रधानमंत्री की माणिक सरकार के प्रति आत्मीयता दूसरी लाल कृष्ण आडवाणी के प्रति उपेक्षा। जब प्रधानमंत्री मंच पर आए तो सभी उनके स्वागत में खड़े हो गए। वह सभी का अभिवादन करते हुए जा रहे थे। लेकिन आडवाणी हाथ जोड़े खड़े रह गए और वह सीधे आगे निकल गए।
#WATCH Agartala: Former Tripura CM Manik Sarkar and PM Narendra Modi meet at swearing ceremony of Biplab Deb and others pic.twitter.com/89QtBYkeVm
— ANI (@ANI) March 9, 2018
त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में हुए इस कार्यक्रम में गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास के अलावा कई गणमान्य अतिथियों ने शिरकत की थी।
प्रधानमंत्री ने अमित शाह, राजनाथ सिंह, मुरली मनोहर जोशी सहित सभी लोगों का हाथ जोड़ कर अभिवादन किया मगर वे लालकृष्ण आडवाणी की अनदेखी करते हुए आगे निकल गए। जबकि वीडियो में लालकृष्ण आडवाणी स्पष्ट रूप से हाथ जोड़े हुए दिख रहे हैं। आडवाणी के बगल में ही त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार थे, प्रधानमंत्री ने गर्मजोशी के साथ उसने हाथ मिलाया और बात की।