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फारूक अब्दुल्ला का केंद्र पर निशाना- हम गोडसे के नहीं, गांधी के भारत में हुए शामिल

लोकसभा सदस्य और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि उनकी नेशनल...
फारूक अब्दुल्ला का केंद्र पर निशाना- हम गोडसे के नहीं, गांधी के भारत में हुए शामिल

लोकसभा सदस्य और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि उनकी नेशनल कांफ्रेंस महात्मा गांधी के भारत को वापस लाना चाहती है और विश्वास जताया कि वह इस संघर्ष में सफल होगी।

पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "हमने कभी भारत के खिलाफ कोई नारा नहीं लगाया। मुझे पाकिस्तानी कहा जाता था। मुझे खालिस्तानी भी कहा जाता था, लेकिन हम महात्मा गांधी के रास्ते पर चलते हैं और गांधी के भारत को वापस लाना चाहते हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "हम गोडसे के नहीं, गांधी के भारत में शामिल हुए। हमने कभी हिंदुओं, मुसलमानों और सिखों में भेदभाव नहीं किया। उन्होंने आगे कहा कि अगर मैं नेहरू परिवार में जन्म लिया होता तो मैं आज ब्राह्मण होता और अगर इंदिरा मेरे पिता के घर में पैदा होती तो वो मुस्लिम होती।"

अपने संबोधन में उन्होंने नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सरकार को भी निशाना बनाया। अब्दुल्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने "दिल की दूरी और दिल्ली की दूरी" (जम्मू-कश्मीर और दिल्ली के बीच की दूरी और दिलों के बीच की दूरी) को हटाने का वादा किया था, लेकिन जमीन पर कुछ भी ठोस नहीं किया गया है।

अब्दुल्ला ने कहा कि 700 से अधिक किसानों की कुर्बानी और पांच राज्यों के चुनाव में हार की आशंका के बाद केंद्र ने कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को स्वीकार कर लिया है। केंद्र केवल चुनाव जीतने के लिए काम करता है, राष्ट्र की समृद्धि के लिए नहीं। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि वे नफरत की इस राजनीति को रोकें अन्यथा भारत नहीं टिकेगा। उन्हें धर्म के बजाय कर्मों पर ध्यान देना चाहिए ताकि राष्ट्र को गिरने से बचाया जा सके।

 

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