पश्चिम बंगाल की राजनीति में हर रोज़ नई घटनाएं घट रही हैं। अब मुकुल रॉय के टीएमसी में वापस जाने के बाद और भी बीजेपी नेताओं के पार्टी छोड़ने की सुगबुगाहट तेज हो गई है। इस बीच सोमवार को बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी गर्वनर जगदीप धनखड़ से मिलने पहुंचे तो उनके साथ केवल 51 विधायक ही राजभवन जा सके। जबकि 26 विधायक नदारद रहे। इस पूरे सियासी घटनाक्रम ने राज्य भाजपा में बड़े बगावत के संकेत देना शुरू कर दिया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिम बंगाल में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी राज्य के चुनाव नतीजों के घोषित होने के बाद हुई हिंसा के बारे में बात करने के लिए राज्यपाल से मिलने पहुंचे। भाजपा नेता के साथ प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते कुल 51 विधायक भी पहुंचे। विधायकों ने हिंसा की घटनाओं पर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा।
लेकिन बड़ी बात ये कि राज्यपाल से मुलाकात के दौरान अधिकारी केवल 51 विधायकों को ले जा सके। बाकी 26 विधायक अधिकारी के साथ नहीं गए, इस बात को लेकर अब सियासी अटकलों का दौर शुरू हो गया है। ये घटना ऐसे समय में हुई है, जबकि तृणमूल कांग्रेस से बीजेपी में आए तमाम नेताओं की अब टीएमसी में वापसी होने लगी है।
बता दें कि पिछले दिनों टीएमसी छोड़कर बीजेपी में आए मुकुल रॉय हाल ही में फिर से ममता बनर्जी के साथ हो गए हैं। भाजपा के कुछ और नेताओं के टीएमसी के संपर्क में होने की भी खबरें हैं। लिहाजा अब कहा जा रहा है कि ऐसा मुमकिन है कि बीजेपी के कई विधायक जल्द ही तृणमूल कांग्रेस का हिस्सा बन जाएं। हालांकि भाजपा ऐसी किसी भी बगावत की संभावना से इनकार कर रही है।