कांग्रेस ने अडानी के कोयला आयात घोटाले को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) को जांच में 29 हजार करोड़ रुपये के कोयला आयात के घोटाले के सबूत मिले हैं। जहां दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर इस घोटाले की एसआईटी जांच की मांग की जा रही है जबकि इसके सबूत स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के सिंगापुर ब्रांच में मौजूद है। कांग्रेस पार्टी ने मांग की है कि केन्द्र सरकार किसी बड़े वकील को नियुक्त करे। हाईकोर्ट में अडानी की याचिका का विरोध करना चाहिए ताकि घोटाले से पर्दा उठाया जा सके।
एक प्रेस कांफ्रेस में पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि इस बारे में एक पत्र के जवाब में सिंगापुर से एसबीआई ब्रांच का जवाब दिया गया कि सिंगापुर के कानून के मुताबिक यह दस्तावेज किसी को नहीं दिए जा सकते हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि आखिर जब भारतीय कंपनी और भारतीय बैंक के बीच इस घोटाले को अंजाम दिया गया, तो कैसे मामले को सिंगापुर के कानून के तहत देखा जा रहा है।
जयराम रमेश ने कहा कि बीते तीन साल के दौरान पीएम नरेन्द्र मोदी तीन बार सिंगापुर गए लेकिन जांच को आगे बढ़ाने के लिए यह दस्तावेज सिगापुर से नहीं लाया जा सका। इस दौरान अडानी समूह के गौतम अडानी सिंगापुर की अदालत का दरवाजा खटखटाते हुए गुहार लगाते हैं कि मामले से जुड़े दस्तावेज भारत सरकार को न दिए जाएं जिसके बाद कुछ महीनों तक सिंगापुर हाईकोर्ट ने सुनवाई की लेकिन डेढ़ महीने पहले गौतम अडानी की याचिका को खारिज कर दिया। जब अडानी सिंगापुर हाईकोर्ट में हार गये तो ये स्वाभाविक है कि डीआरआई को कोयला आयात घोटाले से जुड़े दस्तावेज मिलने चाहिए।
मुंबई हाई कोर्ट में दायर की है याचिका
कांग्रेस नेता ने बताया कि अब अडानी मुंबई हाईकोर्ट में याचिका में गुहार लगाई है कि डीआरआई के लेटर रोगेटरी को मंजूरी न दी जाए। इस मामले में बुधवार को मुंबई हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने मांग की है कि केन्द्र सरकार को किसी बड़े वकील को नियुक्त करते हुए हाईकोर्ट में अडानी की याचिका का विरोध करना चाहिए जिससे 29,000 करोड़ रुपये के उस घोटाले से पर्दा उठाया जा सके।
''कई जांच हो चुकी हैं प्रभावित''
कांग्रेस नेता का आरोप है कि अडानी समूह पीएम नरेन्द्र मोदी से अपनी नजदीकी के चलते कई जांच को प्रभावित करने का काम कर चुके हैं। पिछले दो तीन साल में जब कहीं अडानी कंपनी के बारे में जांच शुरू हुई तो केन्द्र सरकार ने जल्द से जल्द उस जांच को बंद करा दिया है। उन्होंने कहा कि पॉवर उपकरण के आयात का पहला मामला डीआरआई की एक नोटिस से सामने आया। इस मामले में डीआरआई ने लगभग 6600 करोड़ के घोटाला की बात कही थी। 2014 में डीआरआई ने कहा कि जिस मूल्य पर पावर उपकरण का आयात होना चाहिए था उससे 6600 करोड़ रुपये अधिक दिया गया लेकिन यह मामला बंद कर दिया गया।