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भाजपा ने क्यों तोड़ा पीडीपी सरकार से नाता, राम माधव ने बताई ये 10 वजह

भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) से गठबंधन...
भाजपा ने क्यों तोड़ा पीडीपी सरकार से नाता, राम माधव ने बताई ये 10 वजह

भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) से गठबंधन तोड़ने और महबूबा मुफ्ती सरकार ने समर्थन वापसी का ऐलान किया। इस बात की घोषणा नई दिल्ली में पार्टी के महामंत्री राम माधव ने की। जानिए वे 10 प्रमुख वजहें जो उन्होंने गठबंधन और सरकार से अलग होने के लिए गिनाईं।

-राज्य में आतंकवाद, हिंसा और कट्टरपंथ काफी बढ़ता जा रहा था और लोगों के मौलिक अधिकार खतरे में पड़ने लगे थे। सरकार की कानून-व्वस्था पर से पकड़ कमजोर हो रही थी। पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या इसका एक उदाहरण है।

-कश्मीर में शांति स्थापित और जम्मू-कश्मीर में विकास की गति तेज करने के उद्देश्य से हम पीडीपी के साथ गए थे। पर सरकार बनने के बाद ऐसा नहीं हुआ।  

-पीडीपी लोगों के किए गए वादों को पूरे करने विफल रही। हमारे नेताओं को जम्मू और लद्दाख के विकास कार्यों के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। मुफ्ती सरकार राज्य में शांति और विकास पर खरी नहीं उतरी।  

-राज्य में पीडीपी गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रही थी, लेकिन वह स्थिति को नियंत्रित करने में नाकाम रही।

-मोदी सरकार ने राज्य के विकास के लिए बहुत कुछ किया पर यहां की सरकार अपना योगदान सही तरीके से नहीं दे सकी।

-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की सलाह के बाद लिया गया गठबंधन और सरकार से अलग होने का फैसला। फैसले से पहले अमित शाह से मिले राज्य के भाजपा विधायक।

-हमें लोगों के जनादेश का सम्मान करना था। अगर हम उस वक्त सरकार नहीं बनाते तो राज्य में राज्यपाल या राष्ट्रपति शासन लग जाता। लोगों के जनादेश की वजह से ही हम ने उनके साथ गठबंधन किया।

-जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है, इस बात को ध्यान में रखते हुए और राज्य में मौजूदा स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हमने फैसला किया कि राज्य में शासन की बागडोर राज्यपाल को सौंपी जाए।
-केंद्र सरकार ने घाटी में हालात संभालने की पूरी कोशिश की है। आतंकवाद के खिलाफ हमने व्यापक अभियान चलाया था जिसका हमें फायदा भी हुआ। राज्यपाल शासन लागू होने के बाद आतंकवाद के खिलाफ अभियान जारी रहेगा।

-हमने सभी पक्षों से बातचीत करने के लिए वार्ताकार की नियुक्ति भी की। राज्य सरकार ने जैसी मांग की केंद्र सरकार ने वैसा किया पर स्थिति में बदलाव नहीं आया।

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